Vastu Tips: घर में इस अशुभ चीज के रहने से लगता है कुबेर दोष, गरीबी नहीं छोड़ती आदमी का पीछा

Vastu Tips: कई बार मेहनत के बावजूद आदमी के हाथ में पैसा नहीं टिकता है. वास्तु दोष इसकी वजह हो सकता है. वास्तु शास्त्र के एक सरल उपाय से घर में धन की ऊर्जा को स्थिर रखा जा सकता है और धन से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है.

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कर्म और भाग्य के अलावा वास्तु शास्त्र भी धन की स्थिति में अहम भूमिका निभाता है. (Photo: AI Generated) कर्म और भाग्य के अलावा वास्तु शास्त्र भी धन की स्थिति में अहम भूमिका निभाता है. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

Vastu Tips: अक्सर लोग मेहनत तो करते हैं, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद उसके हाथ में धन नहीं टिकता है. कभी अचानक खर्चे बढ़ जाते हैं. कभी कारोबार ठप हो जाता है तो कभी नौकरी पर संकट आ जाता है. दरअसल, कर्म और भाग्य के अलावा वास्तु शास्त्र भी धन की स्थिति में अहम भूमिका निभाता है. ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने वास्तु का एक ऐसा सरल उपाय बताया है कि जिसके प्रयोग से घर में धन की ऊर्जा को स्थिर रखा जा सकता है.

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1. घर की उत्तर दिशा कुबेर की दिशा होती है. यह दिशा धन निवेश और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है. यदि इस दिशा में गंदगी, कबाड़ या लोहे की भारी वस्तुएं हैं तो यह कुबेर दोष उत्पन्न करता है. इससे आय तो होती है पर धन कभी टिकता नहीं है. इसलिए घर की उत्तर दिशा में इन चीजों को कभी न रखें. यहां क्रिस्टल बॉल, जल या तुलसी का पौधा रखें. इस दिशा में हल्का नीला या हरा रंग रखें.

2. शास्त्रों में झाड़ू को लक्ष्मी स्वरूपा बताया गया है. कहते हैं कि घर में कभी झाड़ू का अपमान नहीं करना चाहिए. इसे हमेशा बाहरी लोगों की नजर से बचाकर रखना चाहिए. घर में टूटी झाड़ू का कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए. यदि झाड़ू टूट गई है तो किसी भी अमावस्या तिथि पर इसे बदल दें.

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3. ध्यान रहे कि तजोरी का मुख हमेशा उत्तर की ओर रखें. इस दिशा में माता लक्ष्मी का वास होता है. कहते हैं कि जिस तिजोरी का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुलता है, वो हमेशा धनधान्य और मूल्यवान चीजों से भरी रहती है. ऐसे लोगों पर कभी आर्थिक संकट नहीं आता है.

4. ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा देव ऊर्जा का स्थान है. इस स्थान पर गंदगी या जूते-चप्पल आदि रखना दरिद्रता को आमंत्रण देता है. इस स्थान पर घर का मंदिर बनवाना उचित होता है. यहां रोज गंगाजल छिड़कें और दीपक जलाकर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.

5. अग्निकोण यानी दक्षिण-पूर्वी दिशा अग्नि तत्व की होती है. यह रसोई का स्थान होता है. यदि यहां शौचालय या जल का स्रोत है तो यह स्थान जीवन में संघर्ष उत्पन्न होता है. इस एक गलती के कारण बीमारियां, विवाद और धन हानि होती है. इस स्थान पर लाल रंग का उपयोग करें या सुबह शाम दीपक जरूर जलाएं. रोजाना सुबह रसोई में 'ओम अग्नेय नमः' मंत्र बोलकर ही प्रवेश करें.

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