Vastu Tips: घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र में बेहतरीन उपाय बताए गए हैं. घर का प्रत्येक स्थान किसी न किसी ग्रह से संबंध रखता है. इन जगहों पर छोटे-छोटे बदलाव कर हम अपने जीवन ग्रहों की दशा-दिशा को ठीक कर सकते हैं. यदि आप नए साल 2026 को खुशहाल और सकारात्मक बनाना चाहते हैं तो घर में छह छोटे-छोटे बदलाव कर लीजिए. वास्तु शास्त्र में ये उपाय बेहद कारगर माने गए हैं.
घर का मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार ही सकारात्मकता और समस्याओं का मुख्य केंद्र माना जाता है. इसलिए इसे व्यवस्थित रखना आवश्यक है. मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें. द्वार पर नेम प्लेट अवश्य लगाएं. शनिवार के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ फल देता है. इस स्थान पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं और काले रंग का प्रयोग न करें.
ड्रॉइंग रूम
ड्रॉइंग रूम घर के माहौल और रिश्तों से संबंध रखता है. इस स्थान को संतुलित रखने से तनाव और उदासी कम होती है. इस स्थान पर हमेशा पर्याप्त उजाला रखें. यहां हल्की खुशबू का इस्तेमाल करें. इस जगह पर फूल या फूलों की तस्वीरें लगाने से सकारात्मकता बढ़ती है. ड्रॉइंग रूम में जूते-चप्पल न रखें. सुबह और शाम के वक्त अंधेरा बिल्कुल न रखें.
घर की रसोई
रसोई घर से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य और ऊर्जा से जुड़ी होती है. यदि रसोई में सूर्य का प्रकाश आए तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है. इस स्थान पर चीजों को व्यवस्थित रखें और गैर जरूरी लोगों को प्रवेश न करने दें. रसोई द्वार के ठीक सामने अग्नि तत्व से जुड़ी चीजें और चूल्हा न रखें. जल तत्व और अग्नि तत्व से जुड़ी चीजों को एकसाथ बिल्कुल न रखें.
शयन कक्ष
शयनकक्ष सुख, आराम और समृद्धि का प्रतीक होता है. इस कमरे की दीवारों पर हल्के रंग विशेषकर हल्का गुलाबी या हल्का हरा सबसे अच्छे माना जाता है. कमरे में प्राकृतिक रोशनी और हवा का पर्याप्त इंतजाम रखें. शयनकक्ष में भोजन करने से परहेज करें. खासतौर से मांस, अंडा, मछली या तामसिक चीजों को अंदर लाने से परहेज करें.
बाथरूम
बाथरूम को जीवन की कई समस्याओं के समाधान से जोड़ा जाता है. इसे हमेशा साफ-सुथरा रखें और पानी की अनावश्यक बर्बादी से बचें. इस स्थान में नीला या बैंगनी रंग बहुत शुभ माना जाता है. बाथरूम में हल्की सुगंध का बना रहना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. ध्यान रहे कि बाथरूम में नल का लीक होना या हमेशा पानी बिखरा रहना अच्छा नहीं होता है.
सीढ़ियां
घर की तरक्की और जीवन के उतार-चढ़ाव का सीढ़ियों से गहरा ताल्लुक होता है. कहते हैं कि इसलिए गलत दिशा में बनी सीढ़ियां अचानक समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं. नैऋत्य कोण में सीढ़ियों का निर्माण श्रेष्ठ माना जाता है. इन्हें उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम दिशा में बनाया जाए तो शुभ होता है. सीढ़ियां बहुत अधिक घुमावदार नहीं होनी चाहिए.
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