Tulsi Puja Niyam: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का खास महत्व है. इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, जहां तुलसी का वास होता है वहां सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. तुलसी पूजन पर कुछ नियमों का पालन बेहद जरूरी माना गया है. मान्यता है कि इन नियमों की अनदेखी करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं.
तुलसी दल तोड़ने का सही तरीका
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पत्ते तोड़ते समय पवित्रता और मर्यादा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. बिना स्नान किए तुलसी को छूना या उसके पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है. पत्ते तोड़ने से पहले मां तुलसी को याद करें. हमेशा कोमल हाथों से पत्ते तोड़ें और नाखूनों का प्रयोग बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे तुलसी पौधे को कष्ट होता है.
इन गलतियों से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी को न छुएं और न ही उसके पत्ते तोड़ें. जूठे हाथों से या बिना कारण तुलसी दल तोड़ना महापाप माना गया है. ऐसा करने से घर में दरिद्रता और आर्थिक तंगी आ सकती है.
महिलाओं के लिए विशेष नियम
तुलसी पूजन के दौरान महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए. पूजा करते समय बालों को खुला न रखें. हमेशा बालों को बांधकर ही माता तुलसी की पूजा-अर्चना करें, ताकि पूजा पूर्ण और शुभ मानी जाए.
सौभाग्य प्राप्ति के अचूक उपाय
सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय किए जाते हैं.पूजा के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाते समय उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य रखें, क्योंकि मान्यता है कि बिना तुलसी दल के भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते. शाम के समय तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं और माता तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें. इस दिन तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है.
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