Viprit Rajyog: 2026 में शनि बनाएंगे पावरफुल विपरीत राजयोग, इन राशियों की खुलेगी किस्मत

Viprit Rajyog: विपरीत राजयोग वैदिक ज्योतिष का एक अत्यंत शक्तिशाली और परिवर्तनकारी योग माना जाता है. इस योग के बनने पर जीवन में चुनौतियां, संघर्ष या कठिन समय खत्म हो जाते हैं, और सफलता और प्रगति का मार्ग खुल जाता है.

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विपरीत राजयोग चुनौतियों को अवसर में बदलता है. विपरीत राजयोग चुनौतियों को अवसर में बदलता है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST

वैदिक ज्योतिष में शनि को अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली ग्रह माना गया है. शनि जीवन की चुनौतियों, संघर्षों और सफलता के मार्गदर्शक भी माने जाते हैं. यह ग्रह हर राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं, इसलिए इनका प्रभाव लंबे समय तक गहराई से महसूस किया जाता है. वर्तमान समय में शनि मीन राशि में स्थित हैं और नवंबर में मार्गी होने के बाद उनकी ऊर्जा और अधिक सक्रिय हो गई है. शनि का मार्गी होना नए साल 2026 में कई राशियों पर विशेष प्रभाव डालने वाला है, क्योंकि इसी दौरान एक शक्तिशाली ‘विपरीत राजयोग’ का निर्माण हो रहा है, जो चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए जाना जाता है.

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विपरीत राजयोग तब बनता है जब छठे, आठवें या बारहवें भाव का स्वामी इन्हीं भावों में गोचर करे. ये भाव बाधाओं, कर्ज, संघर्ष, परिवर्तन और गुप्त शत्रुओं से जुड़े होते हैं. लेकिन जब इन भावों का स्वामी इन्हीं स्थानों में आता है, तो ग्रह कमजोर नहीं बल्कि अत्यंत प्रबल हो जाता है. परिणामस्वरूप जीवन की मुश्किल परिस्थितियां शक्ति में बदलने लगती हैं, अवसर मिलते हैं, आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति अपने कर्मों के बल पर बड़ी सफलताएं प्राप्त करने लगता है.

इसी प्रकार, जब शनि सिंह राशि के छठे भाव के स्वामी होते हुए मीन राशि के आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं, तब वहां एक मजबूत विपरीत राजयोग बन रहा है. इस योग का प्रभाव सिर्फ सिंह पर ही नहीं बल्कि तुला और मीन राशि पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई देगा. यह योग करियर, धन लाभ, स्वास्थ्य सुधार, और रुके हुए कार्यों के पूर्ण होने के लिए बेहद शुभ माना गया है.

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सिंह राशि: सिंह राशि की गोचर कुंडली में शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं, और आठवें भाव में संचरण करेंगे. इससे सिंह राशि वालों के करियर में विकास , तरक्की, प्रमोशन और नेतृत्व भूमिकाओं का लाभ मिलेगा. शत्रुओं पर विजय, विवादों से मुक्ति और कानूनी मामलों में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, अटके हुए पैसे वापस मिल सकते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग हैं. 

तुला राशि: शनि के छठे भाव में इस राजयोग का निर्माण होने से तुला राशि वालों को नौकरी में स्थिरता, नए अवसर और विदेश से संबंधित कार्यों में लाभ मिलने की संभावना है. मानसिक तनाव कम होगा, स्वास्थ्य में सुधार महसूस होगा.परिवार और कार्य दोनों में संतुलन बन पाएगा.

मीन राशि: मीन राशि के लग्न भाव में शनि विराजमान होंगे. इससे मन राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिलेगा. जिम्मेदारियों में वृद्धि के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धियां मिलेंगी. दीर्घकालिक योजनाओं में सफलता और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.आत्मअनुशासन से बड़ी उपलब्धियां और मान-सम्मान में वृद्धि होगी.

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