Paush Month 2025: पौष माह में सूर्य पूजन से होगा लाभ, जानें इसका महत्व और नियम

पौष मास सनातन धर्म का दसवां महीना है, जिसमें सूर्य की उपासना अत्यंत फलदायी मानी जाती है. माना जाता है कि यह माह ऊर्जा, स्वास्थ्य और सौभाग्य प्रदान करता है. 5 दिसंबर 2025 से 3 जनवरी 2026 तक चलने वाले इस पवित्र माह में सूर्य की नियमित पूजा से सुख-समृद्धि बढ़ती है.

Advertisement
इस साल पौष का ये पवित्र महीना 5 दिसंबर 2025 से लेकर 3 जनवरी 2026 तक रहने वाला है. (Photo: Pixabay) इस साल पौष का ये पवित्र महीना 5 दिसंबर 2025 से लेकर 3 जनवरी 2026 तक रहने वाला है. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

Paush Month 2025: सनातन धर्म का दसवां महीना पौष कहलाता है. पौष मास में सूर्य विशेष प्रभावी होते हैं, इसलिए इस समय सूर्य की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस महीने सूर्य व्यक्ति को ऊर्जा, तेज और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं. पौष के दौरान नियमित रूप से सूर्य की उपासना करने से पूरे वर्ष स्वास्थ्य, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है. इस साल पौष का ये पवित्र महीना 5 दिसंबर 2025 से लेकर 3 जनवरी 2026 तक रहने वाला है.

Advertisement

सूर्य का ज्योतिषीय महत्व
सूर्य हमारे जीवन का मुख्य प्रकाश स्तंभ और ऊर्जा का मूल स्रोत है. इसके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है. ज्योतिष में सूर्य को व्यक्ति का प्राण माना गया है. सूर्य की शुभ स्थिति से व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता मिलती है. सम्मान, उच्च पद, पिता का सुख और राजकीय लाभ सभी सूर्य से जुड़े होते हैं. आंखों, हड्डियों और हृदय संबंधी परेशानियों का संबंध भी सूर्य से ही माना जाता है.

पौष मास में सूर्य की उपासना कैसे करें?
पौष माह में प्रतिदिन प्रातः स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. तांबे के एक लोटे में जल लें और उसमें रोली व लाल पुष्प अवश्य मिलाएं. इसके साथ ही “ॐ आदित्याय नमः” मंत्र का जाप करें. इस महीने में नमक का सेवन कम करना भी लाभकारी बताया गया है.

Advertisement

सूर्य को अर्घ्य देने के नियम
इस पवित्र माह में बिना स्नान किए सूर्य को जल अर्पित न करें. केवल तब ही जल चढ़ाएं, जब सूर्य का लालिमा लिए प्रकाश दिखाई दे. जल में केवल रंग या रोली मिलाई जा सकती है, अन्य वस्तुएं न मिलाएं.

कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के उपाय
यदि आप अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति को बलवान बनाना चाहते हैं, तो पौष में प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना सर्वोत्तम उपाय है. इससे सूर्य देव की कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही साथ नौ ग्रहों का आशीर्वाद भी मिलता है. पौष मास में ग्रहों के राजा सूर्य देव कई समस्याओं का समाधान बन सकते हैं. बस उपासना के नियमों का पालन करें और श्रद्धा से अर्घ्य दें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement