Margashirsha Purnima 2025: साल की आखिरी पूर्णिमा कल, इस दिन घर में भूलकर भी न करें ये 5 काम

Margashirsha Purnima 2025 मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और 5 दिसंबर की सुबह 4 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दिन घर में 5 गलतियां भूलकर भी न करें.

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पूर्णिमा तिथि पर दान-स्नान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. (Photo: Pixabay) पूर्णिमा तिथि पर दान-स्नान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

Margashirsha Purnima 2025: 4 दिसंबर यानी कल साल की आखिरी पूर्णिमा है. यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा है. इसके बाद पौष का महीना शुरू हो जाएगा. ज्योतिषविदों की मानें तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा तिथि पर दान-स्नान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिषविदों का कहना है कि साल की इस आखिरी पूर्णिमा पर हुई गलतियों का फल लोगों को नए साल तक उठाना पड़ सकता है. इसलिए इस पूर्णिमा पर घर में ऐसा कोई काम न करें

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हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और 5 दिसंबर की सुबह 4 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी.

तामसिक भोजन
साल की इस अंतिम पूर्णिमा पर मांस-मछली, अंडा या तामसिक भोजन का सेवन न करें. इस दिन खाने में लहसुन-प्याज आदि का सेवन करने से बचें. साथ ही, शराब या नशीले पदार्थों के सेवन से भी परहेज करें.

काले वस्त्र
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के इस अवसर पर काले रंग के वस्त्र पहनना निषेध माना गया है. कहते हैं कि इससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. खासतौर से जो लोग पूजा-पाठ या कोई धार्मिक अनुष्ठान करने वाले हैं, उन्हें इस तरह के वस्त्रों को नहीं पहनना चाहिए.

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बाल-दाढ़ी बनवाना
साल की इस अंतिम पूर्णिमा पर बाल या दाढ़ी बनवाने से परहेज करें. इस दिन घर में नाखून काटने से भी बचना चाहिए.

देर तक सोना
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर लोगों को सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. पूजा पाठ के बाद सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें. जो लोग इस दिन सुबह देर तक चादर तानकर सोते रहते हैं, उनके जीवन में कभी खुशियों का संचार नहीं होता है.

गरीबों का अपमान
साल की इस आखिरी पूर्णिमा के दिन अपने द्वार पर आए किसी गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान न करें. उनके लिए मन में घृणा और द्वेष बिल्कुल न रखें. ऐसे लोगों को अपमान करने से भगवान नाराज हो जाते हैं.

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