Kaal Bhairav Jayanti 2025: आने वाली है काल भैरव जयंती, जानें शिव के रौद्र अवतार की पूजा विधि और मंत्र

Kaal Bhairav Jayanti 2025:काल भैरव जयंती भगवान काल भैरव की जंयती हैं, शिव का यह रूप बेहद उग्र और रक्षक रूप माना जाता है. यह दिन मार्गशीर्ष मास की कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.

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काल भैरव काल भैरव

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

Kaal Bhairav Jayanti 2025 Date: काल भैरव जयंती जिसे भैरव अष्टमी या कालाष्टमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है. यह पर्व भगवान शिव के रौद्र अवतार काल भैरव के प्राकट्य और उनके अद्भुत शक्ति स्वरूप को समर्पित है. काल भैरव को समय का देवता और न्याय के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव जयंती के दिन ही भगवान काल भैरव का प्रकट होना हुआ था. यही कारण है कि इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस मौते पर बाबा काल भैरव की आराधना करने से जीवन से भय, नकारात्मक शक्तियां और बुरी आत्माएं दूर होती हैं.  

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विशेष रूप से यह माना जाता है कि काल भैरव की आराधना समय की बाधाओं और न्याय के विषयों में मदद करती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सफलता और सुरक्षा आती है. इस दिन उपवास रखने, जागरण करने और भैरव स्तोत्र का पाठ करने का भी विशेष महत्व है. 

काल भैरव जयंती कब है 2025?

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2025, मंगलवार को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से होगी और 12 नवंबर 2025, बुधवार को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्‍त होगी.उदया तिथि के अनुसार कालभैरव जयंती पर्व 12 नवंबर 2025, दिन बुधवार को मनाया जाएगा.

काल भैरव जयंती पर पूजा विधि और महत्व


सबसे पहले, यदि संभव हो तो मंदिर जाकर काल भैरव बाबा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.  यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर पर भी काल भैरव की पूजा कर सकते हैं. दीपक जलाने के बाद, काल भैरव बाबा के मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें.  "ॐ काल भैरवाय नमः" या "ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरुकुरु बटुकाय ह्रीं" मंत्र का जाप कर सकते हैं. 

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इसके साथ ही काल भैरव अष्टक का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इससे जीवन में सकारात्मकता आती है, मानसिक शांति मिलती है और सारे डर, बाधाएं और नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. जयंती के दिन भैरव बाबा को विशेष भोग अर्पित करना ना भूलें.  इस दिन जलेबी, उड़द की दाल के पकौड़े और नारियल का भोग लगाया जाता है.  यह भोग बाबा को प्रिय माना जाता है और इसका अर्पण करने से घर और जीवन में सुख, समृद्धि आती है. 

पूजा करने का महत्व:

काल भैरव की आराधना से भय और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. जीवन में स्थिरता, सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा आती है.पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं. 

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