Palmistry Lines: हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के विवाह योग और वैवाहिक स्थिति के बारे में किया जा सकता है. हाथों में मौजूद विभिन्न प्रकार की रेखाएं जीवन के कई पहलुओं जैसे धन-दौलत, आयु, मान-सम्मान, करियर और रिश्तों को दर्शाती हैं. इन्हीं में विवाह व्यक्ति के जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग माना जाता है.
मनुष्य अपने वैवाहिक जीवन को लेकर हमेशा उत्सुक रहता है. अधिकतर लोगों की जिज्ञासा होती है कि विवाह के बाद उनका जीवन कैसा रहेगा. इसका संकेत हमें जन्म कुंडली से मिल जाता है, लेकिन ठीक उसी प्रकार हस्तरेखा शास्त्र में भी विवाह एवं संबंधों से जुड़े कुछ विशिष्ट बिंदु दिखाई देते हैं.
विवाह जानने के मुख्य संकेत
1. विवाह रेखा (पहला बिंदु)
कनिष्ठा (छोटी उंगली) के नीचे समानांतर स्थित रेखा को विवाह रेखा कहते हैं. यह विवाह के समय, गुणवत्ता और वैवाहिक स्थिरता का संकेत देती है.
2. शुक्र और चंद्र पर्वत (दूसरा बिंदु)
हथेली में शुक्र पर्वत और चंद्र पर्वत की स्थिति और रंग भी विवाह योग का विश्लेषण करते हैं. ये प्रेम, आकर्षण, भावनाएं और दांपत्य जीवन की सामंजस्यता दर्शाते हैं.
3. बृहस्पति पर्वत (तीसरा बिंदु)
बृहस्पति पर्वत का स्वरूप और उसके चिह्न विवाह की प्रकृति तथा जीवनसाथी का स्वभाव बताते हैं. विशेषकर प्रेम विवाह के मामलों में यह पर्वत अहम भूमिका निभाता है.
विवाह की रेखा क्या स्पष्ट करती है
विवाह रेखा जितनी साफ और स्पष्ट होगी, विवाह का तय होना और वैवाहिक जीवन उतना ही अच्छा होगा. अगर विवाह की रेखाएं टेढ़ी मेढ़ी या धुंधली है तो विवाह में दिक्कतें आएंगी. विवाह रेखा अगर आगे जाकर दो शाखाओं में बंटे तो ये विच्छेद की सूचना देती है. अगर ये रेखा नीचे की तरफ झुक गई तो विवाह होने में विलंब होता है. विवाह रेखा अगर सूर्य पर्वत पर चली गई हो तो वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होता है. विवाह रेखा पर तिल हो तो विवाह के बाद व्यक्ति का पतन हो जाता है.
शुक्र, चंद्र और बृहस्पति पर्वत की भूमिका
शुक्र पर्वत
यदि शुक्र पर्वत दबा हुआ हो, जाल बना हुआ हो या तारा चिह्न बने हों, तो यह वैवाहिक जीवन में अस्थिरता, विवाद के योग पैदा करता है.
चंद्र पर्वत
चंद्र पर्वत पर तिल या दाग होने पर विवाह में काफी विलंब हो सकता है. जब विवाह का समय निकट आता है, तो शुक्र और चंद्र पर्वत में गुलाबी आभा दिखाई देने लगती है तथा छोटी-छोटी रेखाएं ऊपर की ओर दिखाई देती हैं. ये विवाह के मजबूत संकेत माने जाते हैं.
बृहस्पति पर्वत
यदि बृहस्पति पर्वत पर क्रॉस (X) चिह्न हो और उसका संबंध भाग्य रेखा से बन रहा हो, तो व्यक्ति के प्रेम विवाह के योग प्रबल होते हैं.
हस्तरेखा विवाह में समस्या दिखें
1. विवाह रेखा में बाधा दिखाई दें तो कनिष्ठा उंगली में चांदी का छल्ला पहनें.
2. अगर विवाह रेखा से विवाह में विलंब की सूचना मिल रही हो तो सोने, चांदी का मिश्रित छल्ला कनिष्ठा उंगली में पहनें.
3. शुक्र पर्वत पर नकारात्मक चिह्न हो तो शिवलिंग पर चंदन लगाएं और भगवान शिव की उपासना करें.
4. चंद्र पर्वत अगर वैवाहिक जीवन में या विवाह होने में समस्या दे रहा हो तो पूर्णिमा का उपवास रखें और इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य दें.
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