Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को भारतीय इतिहास के सबसे बुद्धिमान और दूरदर्शी विचारकों में माना जाता है. उनकी नीतियां आज भी जीवन से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं का समाधान बताती हैं. चाणक्य नीति में ऐसे कई सूत्र दिए गए हैं, जो यह समझाने में मदद करते हैं कि व्यक्ति को अपना समय, ऊर्जा और जीवन कहां लगाना चाहिए और किन जगहों या लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.आज हम जानेंगे कि किन परिस्थितियों में समय बर्बाद करना नुकसानदायक हो सकता है.
जहां न सम्मान हो, न अवसर
चाणक्य के अनुसार, ऐसे स्थान पर रहना बुद्धिमानी नहीं है जहां व्यक्ति को सम्मान न मिले, रोजगार के साधन न हों, सीखने के अवसर न मिलें और अपना कोई करीबी भी न हो. ऐसे माहौल में रहने से व्यक्ति आगे नहीं बढ़ पाता. इसलिए बेहतर यही है कि समय रहते ऐसे स्थान को छोड़ दिया जाए और बेहतर अवसरों की तलाश की जाए.
मूर्ख व्यक्ति से दूरी जरूरी
चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति से दूर रहना ही समझदारी है. ऐसे लोग अपने शब्दों और व्यवहार से नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए ऐसे लोगों के साथ समय बिताने से बचना चाहिए.
गलत संगति से जीवन प्रभावित होता है
चाणक्य नीति के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मूर्ख शिष्य को समझाने में, गलत स्वभाव वाले जीवनसाथी के साथ या हमेशा दुखी और नकारात्मक लोगों के बीच समय बिताता है, तो उसका जीवन भी धीरे-धीरे दुखी हो जाता है. चाहे वह कितना ही ज्ञानी क्यों न हो. इसलिए सही संगति चुनना बहुत जरूरी है.
इन जगहों पर रुकना नहीं चाहिए
चाणक्य के मुताबिक अगर किसी जगह पर धन का साधन देने वाला कोई व्यक्ति न हो, ज्ञान देने वाला विद्वान न हो, व्यवस्था संभालने वाला शासक न हो, इलाज करने वाला वैद्य न हो और जीवनदायिनी नदी भी न हो, तो ऐसे स्थान पर एक दिन भी नहीं रुकना चाहिए.
aajtak.in