Chanakya Niti: ये 5 जगह आदमी की इज्जत पर लगाती हैं कलंक, भूलकर भी न रखें कदम

Chanakya Niti: कुछ स्थान व्यक्ति के चरित्र और सम्मान को प्रभावित करते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शाास्त्र में ऐसी 5 जगहों का उल्लेख किया है जहां व्यक्ति को कभी नहीं जाना चाहिए. इन जगहों पर जाने से आदमी का सम्मान घट जाता है.

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चाणक्य नीति के अनुसार, आदमी को 5 जगहों से हमेशा दूर रहना चाहिए. (Photo: AI Generated) चाणक्य नीति के अनुसार, आदमी को 5 जगहों से हमेशा दूर रहना चाहिए. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य न केवल एक महान अर्थशास्त्री थे. बल्कि जीवन के गहरे रहस्यों को समझाने वाले एक महान नीति निर्माता भी थे. इसीलिए तो चाणक्य का नीति शास्त्र आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताया था जहां जाने से आदमी की छवि खराब होती है और ऐसी जगह पर कदम रखने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि वो जगहें कौन सी हैं.

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जहां इज्जत न हो
चाणक्य नीति के अनुसार, आदमी को कभी ऐसी जगह पर पांव नहीं रखना चाहिए जहां उसे सम्मान न मिले. अगर किसी जगह आपको सम्मान नहीं मिल रहा है तो उस जगह से चले जाना ही आपकी भलाई है. सम्मान बहुत बड़ी चीज है और इसे बचाने के लिए आदमी को तत्पर रहना चाहिए.

शिक्षा का मूल्य न समझना
चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा ही इंसान का सबसे बड़ा धन है. जहां शिक्षा का मूल्य न समझा जाएं, वहां पल भर भी आदमी को ठहरना नहीं चाहिए. ऐसी जगह नर्क के समान होती है. विद्या का महत्व समझे, बिना इंसान का भविष्य उज्जवल नहीं हो सकता है.

रोजगार की कमी
चाणक्य के अनुसार, जिस जगह आजीविक का साधन न हो या जहां रोजगार की कमी हो, वहां भी आदमी को ठहरना नहीं चाहिए. धन के बिना आदमी की मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा होना असंभव है. और धन के लिए रोजगार का होना जरूरी है.

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संस्कार की कमी
जिन घरों में संस्कारों की कमी होती है, वहां भी आदमी को नहीं रुकना चाहिए. अच्छे संस्कारों के बिना मनुष्य का जीवन पशु समान है. इसलिए जिस जगह संस्कारी लोग न मिलें, वहां जाना व्यर्थ है. जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान और बच्चों स्नेह नहीं रखा जाता, ऐसी जगहों पर भला आपको क्या सम्मान मिलेगा. इसलिए ऐसी जगहों से दूर रहने में ही भलाई है.

बुरी संगत
बुरी संगत आदमी की बुद्धि भ्रष्ट कर देती है. इसलिए बुरी संगत से हमेशा कोसों दूर रहें. खराब संगत एक व्यवहारिक और प्रतिष्ठित इंसान की छवि पर भी कलंक लगा सकती है. जहां लोग जुए, नशे के आदी हों और झूठ, कपट, लूटखोरी, बेईमानी के साथ काम करते हों, वहां भूलकर भी कदम नहीं रखना चाहिए.

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