Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली और बुद्धिमान व्यक्तियों में गिने जाते हैं. जिन्होंने अपनी चाणक्य नीति में जीवन से जुड़े उन सिद्धांतों का जिक्र किया है, जो इंसान को हर परिस्थिति में समझदारी से निर्णय लेने की सीख देते हैं. वहीं, चाणक्य ने जीवन में ऐसे कई नियम बताए हैं, जिन्हें अगर कोई समझ ले, तो जीवन के हर मुश्किल समय में सही रास्ता पा सकता है. उन्होंने कुछ बातों को इतना गंभीर बताया है कि उन्हें 'मृत्यु के समान' कहा यानी अगर इंसान उनसे बच न पाए, तो उसका जीवन धीरे-धीरे खत्म होता चला जाता है. आइए जानते हैं उन चार बातों के बारे में जिन्हें चाणक्य ने मृत्यु समान बताया है.
ये 4 लोग हैं मृत्यु के समान
दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः ।
ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः ।।
चाणक्य नीति के अनुसार, अगर आप इन 4 लोगों के साथ रहते हैं और जीवन जीते हैं, तो आपका जीवन मृत्यु के समान हो सकता है. आइए जानते हैं कौन से हैं ये 4 लोग.
झगड़ालू पत्नी
चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की पत्नी दुष्ट स्वभाव की है यानी बार-बार झगड़ा करती है, दूसरों के प्रति ईर्ष्या रखती है, अपने पति या परिवार का सम्मान नहीं करती तो ऐसा घर कभी सुखी नहीं रह सकता. ऐसी स्थिति में आदमी का मन हमेशा तनाव और असंतोष में रहता है. बाहर की दुनिया में चाहे कितनी भी सफलता मिले, घर की शांति खत्म हो जाए तो जीवन की खुशी भी खत्म हो जाती है.
कपटी मित्र
एक झूठा या चालाक दोस्त सबसे खतरनाक होता है. वह सामने से मुस्कुराता है, लेकिन पीठ पीछे वार करता है. ऐसे मित्र पर भरोसा करना आत्मघाती होता है. चाणक्य के अनुसार, जो मित्र स्वार्थ के समय साथ हो और जरूरत के वक्त गायब हो जाए, वो 'शत्रु के समान' है. ऐसे व्यक्ति के कारण मन और आत्मविश्वास दोनों मरने लगते हैं.
उल्टा जवाब देने वाला नौकर
चाणक्य ने कहा कि अगर कोई नौकर हर बात पर बहस करे, मालिक से बदतमीजी से करे या काम टालने की आदत रखे तो वह व्यक्ति घर की व्यवस्था और मानसिक शांति दोनों नष्ट कर देता है. ऐसा व्यक्ति केवल काम में देरी नहीं करता, बल्कि परिवार और दफ्तर दोनों में नकारात्मक माहौल फैलाता है.
सांप वाले घर में रहना
चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे घर में रहता है जहां खतरा हमेशा बना रहता है जैसे जहरीला सांप, शत्रु, या तनाव भरा वातावरण आदि. तो वह हर पल डर में जीता है. ऐसा जीवन शारीरिक रूप से जीवित जरूर रहता है, लेकिन मानसिक रूप से मर जाता है.
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