Shardiya Navratri 2025: इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से हुई थी और इसका समापन 1 अक्टूबर, बुधवार के दिन होगा. हर वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. (Photo: Pexels)
नवरात्र केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है. बल्कि, ये नारी शक्ति और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है. इसी सम्मान के कारण नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा पाई जाती है. (Photo: PTI)
पंचांग के मुताबिक, इस बार शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाएगी और महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इन दोनों दिनों पर कन्या पूजन करवाकर नवरात्र का पारण किया जाता है. (Photo: PTI)
ज्योतिषियों की मानें तो, कन्या पूजन में 2 साल से लेकर 11 साल की कन्या के पूजन का विधान बताया गया है. दरअसल, अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग अलग रूप को बताती है. (Photo: PTI)
ये है कन्या पूजन का सही तरीका: छोटी उम्र की कन्या को आदर सहित घर पर बुलाएं. उन्हें फिर ऊंचे आसन पर बैठाकर उनकी पूजा करें और उनके चरण साफ जल से धुलाएं. (Photo: PTI)
उसके बाद उन्हें चुनरी ओढ़ाकर माला पहनाएं. उन्हें सात्विक भोजन खिलाएं, विशेष रूप से हलवा पूरी खिलाएं. (Photo: PTI)
इसके बाद, उन्हें दक्षिणा और उपहार देकर, उनके चरण स्पर्श करके उन्हें श्रद्धापूर्वक विदा करें. चरण स्पर्श करते समय उनसे आशीर्वाद जरूर लें. (Photo: PTI)