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Paush Month 2025: कल से पौष माह शुरू, ना करें ये 5 काम, जीवन में आ सकती हैं परेशानियां

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST
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Paush Month 2025: 5 दिसंबर 2025 से पौष महीने की शुरुआत हो रही है, जो 3 जनवरी 2026 की पूर्णिमा तक चलेगा. हिंदू धर्म में पौष महीना धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस समय को सत्संग, पूजा-पाठ, दान और अच्छे काम करने का बेहतरीन अवसर माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि अगर इस महीने में नियमों का पालन किया जाए और गलत चीजों से दूर रहा जाए तो जीवन में शांति, खुशियां और सौभाग्य बढ़ता है. यह समय मन और घर के माहौल को शांत करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. परिवार में प्यार बढ़ता है और मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है. (Photo: Pixabay)

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पौष माह का महत्व : यह समय सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए अत्यंत उपयुक्त है. साधना, ध्यान और जप-तप का फल सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक मिलता है. स्वास्थ्य, ऊर्जा और मानसिक स्थिरता बढ़ाने वाले उपाय इस माह में सर्वोत्तम फल देते हैं. धन, करियर और सुख-संपत्ति से जुड़े कार्य इस अवधि में सकारात्मक परिणाम देते हैं.  घर-परिवार में शांति और सौहार्द्र बढ़ाने वाला समय माना जाता है. इस समय कुछ ऐसे काम है जिन्हें करने से बचना चाहिए. जानते हैं उनके बारे में 
 

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विवाह और मुंडन जैसे धार्मिक कार्य:  पौष माह में  विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करना अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस माह में इन कार्यों का प्रभाव उल्टा पड़ सकता है और जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. (Photo: Pixabay)

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नए व्यवसाय या बड़े कार्य की शुरुआत: यह समय नया बिजनेस, निवेश या किसी बड़े प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सही नहीं माना जाता. ऐसे कार्य करने पर आर्थिक नुकसान या कठिनाइयां आ सकती हैं. (Photo: Pixabay)

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तेल की मालिश: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में तेल की मालिश करने से परहेज करना चाहिए. ऐसा करने से स्वास्थ्य या ऊर्जा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.(Photo: Pixabay)
 

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क्रोध :पौष माह में संयमित रहना और सौम्य व्यवहार अपनाना बेहद जरूरी है. क्रोध या कठोर वाणी से रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है और जीवन में नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है. (Photo: Pixabay)

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पौष माह में तिल का दान करना, सूर्य देव की पूजा करना और देवी-देवताओं को नए अनाज का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि तिल का दान पवित्रता, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, सूर्य पूजा से जीवन में प्रकाश, बल और मानसिक शांति मिलती है, और नए अनाज का भोग लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर-परिवार में समृद्धि, सुख-शांति और सौभाग्य बढ़ता है.(Photo: Pixabay)

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