Margshirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष की अद्भुत और शुभ पूर्णिमा जल्द ही आने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार नौवां महीना मार्गशीर्ष होता है और श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में इस महीने को अपना स्वरूप बताया है. यही कारण है कि मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को महापूर्णिमा भी कहा जाता है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को पड़ेगी. इसे कल्याणकारी और ऊर्जा से भरी तिथि माना गया है. मान्यता है कि इस दिन स्नान, ध्यान और दान करने से जीवन में शुभता आती है. इस तिथि पर पड़ने वाला ब्रह्म मुहूर्त भी बहुत दिव्य होता है. इसमें कुछ खास मंत्रों का जाप करना उत्तम माना गया है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कितने बजे होगा ब्रह्म मुहूर्त?
हिंदू पंचांग के अनुसार मंगलवार, 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह 04.19 बजे से लेकर सुबह 04.58 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. यानी इस दिन करीब 39 मिनट का ब्रह्म मुहूर्त रहने वाला है. शास्त्रों में इस अबूझ घड़ी का विशेष महत्व बताया गया है.
ब्रह्म मुहूर्त में 5 महामंत्रों का जाप देगा लाभ
1. ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद
2. श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः
3. ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः"
4. ॐ नमः शिवाय"
5. ॐ नमो नारायणाय"
स्नान और ध्यान की सही विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा की सुबह स्नान के जल में तुलसी पत्र डालें. पहले उस जल को सिर पर छिड़ककर नमस्कार करें. फिर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और साफ या सफेद वस्त्र पहनें. इसके बाद मंत्रों का जाप करें. मंत्र जप के पश्चात सफेद चीजों का दान करना शुभ माना जाता है. इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देना न भूलें. चाहें तो इस दिन फलाहार या जल का उपवास भी रखा जा सकता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के उपाय
1. घर आएगी शांति और समृद्धि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन शिवजी का रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ रहता है. शाम के समय किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव को सफेद मिठाई, तेल और काले तिल चढ़ाएं. शिवलिंग पर बेलपत्र और गुलाब का पुष्प अर्पित करें. यह उपाय परिवार में शांति और सुख-समृद्धि लाने वाला माना जाता है.
2. नौकरी और व्यापार में सफलता
इस दिन शिव और शनि दोनों की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है. ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ शनिश्चराय नमः’ का जप करने से करियर और व्यवसाय की राह में आने वाली बाधाएँ दूर होने की मान्यता है.
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