August 2025 biggest festival: अगस्त का महीना चल रहा है और व्रत-त्योहारों के लिहाज से मौजूदा सप्ताह बहुत खास रहने वाला है. इस सप्ताह बलराम जयंती से लेकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं. आइए आपको अगले कुछ दिनों में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों के बारे में विस्तार से बताते हैं.
नाग पञ्चम 2025- ( 13 अगस्त)
नाग पञ्चम का पर्व गुजराती कैलेण्डर के अनुसार श्रावण कृष्ण पञ्चमी पर मनाया जाता है. नाग पञ्चम का पर्व कृष्ण जन्माष्टमी से तीन दिवस पूर्व मनाया जाता है. इस बार ये 13 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है.
बलराम जयन्ती 2025 ( 14 अगस्त)
भगवान बलराम के जन्म की वर्षगांठ को बलराम जयंती के रूप में मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, भगवान बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हुआ था. वहीं, अमान्त हिन्दू पंचांग के मुताबिक उनका जन्म श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को माना जाता है. इस बार बलराम जयंती 14 अगस्त को पड़ रही है.
शीतला सातम 2025 ( 15 अगस्त)
शीतला सातम, गुजराती कैलेंडर का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण दिवस है. यह पर्व देवी शीतला को समर्पित है. इस साल यह पर्व 15 अगस्त को मनाया जाएगा.
काली जयंती 2025 (15 अगस्त)
भाद्रपद माह की कृष्ण अष्टमी को काली जयंती मनाई जाती है. दस महाविद्याओं में देवी काली को प्रथम महाविद्या माना गया है. देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी महाकाली के अलग-अलग सौम्य और उग्र रूप ही दस महाविद्याओं के रूप में पूजे जाते हैं.
कृष्ण जन्माष्टमी 2025 (16 अगस्त)
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसे कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी कहते हैं. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा.
दही हांडी 2025
दही हांडी जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाने वाला एक प्रमुख उत्सव है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी वाली लीला को याद किया जाता है. दही हांडी में शामिल होने वाले लोगों को गोविंदा कहा जाता है.
मासिक कालाष्टमी 2025 (16 अगस्त)
कालाष्टमी को काल अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है. काल भैरव के भक्त साल की सभी कालाष्टमी पर उनकी पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं.
सिंह संक्रान्ति 2025 ( 17 अगस्त)
संक्रांति को स्नान-दान के लिए अनुकूल माना जाता है. सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने को सिंह संक्रांति कहते हैं. अभी कर्क राशि में सूर्य है. इसके बाद 17 अगस्त 2025 रविवार को सूर्य देव सिंह राशि में परिवर्तन करेंगे.
अजा एकादशी 2025 (19 अगस्त)
19 अगस्त को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं कि जो भी श्रद्धालु भगवान विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की उपासना करता है, उसे मृत्यु के बाद विष्णु लोक मिलता है. एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है.
बुध प्रदोष 2025 (20 अगस्त)
प्रदोष व्रत चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी तिथियों पर रखा जाता है. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में. जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में पड़ती है, उसी दिन यह व्रत किया जाता है. प्रदोष काल सूर्यास्त से आरंभ होता है और जब त्रयोदशी तिथि इसी समय के साथ मिलती है, तो वो समय शिव भक्तों के लिए पूजन और आराधना का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है.
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