इंडिगो संकट से राजस्थान के पर्यटन उद्योग को भारी झटका...बाजारों से रौनक गायब, पीक सीजन में गिरा व्यवसाय

इंडिगो एयरलाइंस के उड़ान रद्द होने और देरी के कारण राजस्थान के प्रमुख पर्यटन शहरों में पर्यटक बुकिंग रद्द कर रहे हैं, जिससे पर्यटन उद्योग और उससे जुड़े सहायक व्यवसायों को 50 से 60% तक का नुकसान हुआ है.

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इंडिगो संकट की वजह से राजस्थान के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान. (File Photo: ITG) इंडिगो संकट की वजह से राजस्थान के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान. (File Photo: ITG)

शरत कुमार

  • जयुपर,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:33 PM IST

इंडिगो एयरलाइंस के संकट का राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र पर गहरा असर पड़ा है. पीक सीजन में फ्लाइट्स कैंसिल और देरी की वजह से पर्यटक लगातार अपनी बुकिंग रद्द कर रहे हैं, जिससे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर समेत कई प्रमुख शहरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कारण पर्यटन उद्योग और इससे जुड़े सहायक व्यवसायों को 50 से 60% तक का नुकसान हुआ है, जिससे हजारों लोगों की योजनाएं बदल गईं.

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विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने से न केवल पर्यटन उद्योग से सीधे जुड़े व्यवसाय जैसे होटल और यात्रा व्यवसाय प्रभावित हुए हैं, बल्कि सहायक व्यवसाय जैसे प्री वेडिंग फोटोग्राफी, स्थानीय पर्यटक गाइड, प्राचीन वस्तुएं, पारंपरिक उपहार वस्तुएं बेचने वाली दुकानें आदि भी प्रभावित हुए हैं. एक प्री-वेडिंग फोटोग्राफर ने बताया कि कई शादियां रद्द होने के कारण उन्हें ₹2.5 लाख का नुकसान हुआ है. एक अन्य फोटोग्राफर दिलीप ने कहा कि उनका व्यवसाय लगभग 80% तक गिर गया है.

50 से 60% उद्योग प्रभावित

एक अनुमान के अनुसार, इंडिगो की उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने के कारण राजस्थान में पर्यटन उद्योग 50 से 60% तक प्रभावित हुआ है, जिसके कारण हजारों लोगों को अपनी योजना बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक के अनुसार, उड़ानों के रद्द होने से पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और लगभग 50% तक नीचे आ गया है. नवंबर से जनवरी के वक्त पिछले कुछ वर्षों में विदेशी और घरेलू दोनों तरह के पर्यटकों के भारी आवागमन के लिए जाना जाता था.

उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर और बीकानेर समेत कई शहर बड़े पैमाने पर उड़ानों के रद्द होने के प्रभाव से जूझ रहे हैं. पिछले साल शानदार किले, महलों और झीलों को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगती थी, लेकिन इस साल अचानक उड़ानें रद्द होने से स्थिति बदल गई है.

एक घोड़ा मालिक ने कहा कि पर्यटन कम होने से उसे खुद और अपने घोड़े को खिलाना भी मुश्किल हो गया है. एक दुकानदार नसीर ने बताया कि बिक्री नहीं हो रही है और वे बेकार बैठे हैं.

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