स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से 103 मिनट का संबोधन दिया, जो अब तक का सबसे लंबा रिकॉर्ड है. इस भाषण में भारत की शक्ति, भविष्य की चुनौतियों, मिशन 2047 के लक्ष्यों, सेमीकंडक्टर और परमाणु ऊर्जा जैसे मुद्दों पर बात की गई. विपक्ष ने इस संबोधन को चुनावी भाषण बताया और प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ, दिवाली पर जीएसटी में राहत के वादे, युवा योजना और देश में घुसपैठ से डेमोग्राफी पर संकट के बयानों पर सवाल उठाए.