वैश्विक राजनीति में एक नया त्रिकोण उभर रहा है, जिसमें भारत, रूस और चीन अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं. यह गठबंधन दुनिया की 38% आबादी, 33% जीडीपी और 5089 परमाणु हथियारों का प्रतिनिधित्व करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट के लिए चीन जाने वाले हैं, जहाँ चीन ने भारत को प्रतिद्वंद्वी के बजाय साझेदार बताया है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल समझौते को पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक बड़ी भूल बताते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया है.