पाकिस्तान को हमेशा से दुनिया के सबसे पुराने पेशे की कालजयी समझ रही है- एक ऐसी विदेश नीति की कला जिसमें विचारधारा का नामोनिशान नहीं, बल्कि केवल लेन-देन के फायदे का गणित हो, जहां वफादारी उस बोली लगाने वाले को दी जाती है जो सबसे ज्यादा दाम चुकाए.
पाकिस्तान अपने भू-राजनीतिक सेवाओं के लिए एक संरक्षक खोजने में माहिर है और उसके गठबंधन हवा के रुख के साथ बदलते रहते हैं. एक पल में खत्म होने वाला प्यार, कड़वा बिछोह, बदले की तकरार, रिबाउंड रोमांस, प्रतिद्वंद्विताएं और कभी–कभी तो त्रिगुट या चारगुट, आप नाम लें... और पता चलेगा कि पाकिस्तान ने वो सब तिकड़म आजमाए हैं.
अगली मोटी डील की लगातार खोज ने पाकिस्तान को एक तरह का 'हीरा मंडी' बना दिया है. वो एक भू-राजनीतिक तवायफ बन गया है जिसे हर कोई रिझाना चाहता है, मगर उसके साथ कोई स्थायी रिश्ता नहीं निभाता. हर नया संरक्षक—चाहे शीत युद्ध का पैसा लहराता महाशक्ति अमेरिका हो, कोई पड़ोसी चीन जो 'स्ट्रैटेजिक डेप्थ' और सड़कें देने का वादा करे, या कोई उभरता हुआ दबंग जो आर्थिक लाइफलाइन बने, कुछ समय का रोमांच लाता है और फिर पाकिस्तान को उसी के हाल पर छोड़ जाता है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट 'How Pakistan wooed Trump- and rattled India' पाकिस्तान की इस कूटनीतिक नजाकत का दिलचस्प उदाहरण है. 11 अगस्त को प्रकाशित इस लेख में बताया गया है कि पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने और भारत-अमेरिका में तनाव लाने के लिए क्या स्ट्रैटजी अपनाई.
पाकिस्तान की स्ट्रैटजी में शामिल था:
हाई लेवल मीटिंग्स- जून 2025 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनिर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ दो घंटे का प्राइवेट लंच किया. साथ ही, उन्होंने फ्लोरिडा में अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला की रिटायरमेंट सेरेमनी में भी हिस्सा लिया.
टोकन गिफ्ट- मार्च 2025 में पाकिस्तान ने आईएसआईएस-के का एक महत्वपूर्ण आतंकी, जो 2021 काबुल बम धमाके (13 अमेरिकी सैनिकों समेत 180 लोगों की मौत) का जिम्मेदार था, अमेरिका को सौंपा. इस गिरफ्तारी का जिक्र ट्रंप ने अपने स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण में करते हुए पाकिस्तान की खूब तारीफ की.
क्रिप्टो का लॉलीपॉप: अप्रैल 2025 में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (ट्रंप समर्थित क्रिप्टोकरेंसी वेंचर) के प्रतिनिधि पाकिस्तान आए और पाकिस्तान के क्रिप्टो काउंसिल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे जैक विटकॉफ ने पाकिस्तान के 'खरबों डॉलर' के खनिज भंडार को टोकनाइज करने की संभावना बताई.
इसके बाद पाकिस्तान के क्रिप्टो और ब्लॉकचेन मंत्री बिलाल बिन साकिब 'शैडो डिप्लोमैट' बनकर अमेरिका पहुंचे और वहां उन्होंने ट्रंप के नजदीकी सर्कल में पाकिस्तान की क्रिप्टो ताकत पेश कर रहे थे. साकिब अमेरिका के साथ कई व्यापारिक वार्ताओं में भी शामिल थे.
चापलूसी और तलवे चाटना: मई 2025 में भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के बाद पाकिस्तान ने ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है. पाकिस्तान ने ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उन्होंने 'न्यूक्लियर वॉर' टालने में अहम भूमिका निभाई. मुनीर ने फ्लोरिया के टाम्पा शहर में पाकिस्तानी-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए ट्रंप की खूब तारीफ की और कहा कि उन्होंने कई युद्ध रोके हैं.
सीजफायर का श्रेय: पाकिस्तान ने मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का श्रेय ट्रंप को दिया, जबकि भारत का कहना था कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम अमेरिकी मध्यस्थता से नहीं बल्कि दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की सीधी बातचीत से हुआ था. पाकिस्तान की चापलूसी ने भारत और अमेरिका के बीच अनबन पैदा कर दी.
ट्रंप राजनेता कम, व्यापारी ज्यादा हैं
डोनाल्ड ट्रंप राजनेता कम, व्यापारी ज्यादा हैं. उनके अपने शब्दों में कहें तो वो ब्यूटीफुल डील करते हैं और कोई भी उनसे ज्यादा अच्छा बिजनेस नहीं कर सकता है. पाकिस्तान की रिझाने की कला ने उनका दिल जीत लिया और 'नवाब ट्रंप' ने पाकिस्तान पर अपना प्यार और पैसा दोनों लुटाया, जैसे अदाओं और नखरों का कोई असली कद्रदान करता है.
पाकिस्तान के साथ अमेरिका के ऊर्जा और खनिज सौदे
ट्रंप ने पाकिस्तान के कथित 'विशाल तेल भंडार' को विकसित करने का ऐलान किया है और पाकिस्तान ने ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के अवसर पेश किए, ताकि बेलआउट पर चल रही अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सके. पाकिस्तान ने वो सब किया जो बिजनेस के लिहाज से अमेरिका के लिए फायदेमंद था लेकिन भारत का रुख इतना लचीला नहीं था.
अमेरिका ने पाकिस्तानी वस्तुओं पर केवल 19% टैरिफ लगाया, जबकि भारतीय वस्तुओं पर 50% का भारी टैरिफ लगाया. कम टैरिफ पाकिस्तान की बेहतर व्यापारिक शर्तों का सबूत है.
अमेरिका-पाकिस्तान का रोमांस या कहें सिचुएशनशिप फिर से शुरू होने को है
अमेरिका और पाकिस्तान का रिश्ता इश्क, बिछोह और बदले की अश्लील राजनीति का रोलरकोस्टर है जो फिर से रीसेट होने को है. चीन की धुन पर नाचती ठुकराई हुई तवायफ से, अब पाकिस्तान अमेरिका की बाहों में समाने को बेताब है. यह अमेरिका-पाकिस्तान-चीन की तिकड़ी वाला खेल कैसे बदलेगा, यह कहना मुश्किल है. लेकिन इतिहास गवाह है- जल्द ही पाकिस्तान का दिल फिर से टूटेगा.
पति, पत्नी और वो...
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच की भू-राजनीतिक रोमांटिक कॉमेडी हमेशा से भारतीय फिल्म पति, पत्नी और वो से प्रेरित रही है. उनका रिश्ता आपसी प्रेम से कम, और तीसरे फैक्टर- वो- की जलन और डर से ज्यादा बना-बिगड़ा है.
पाकिस्तान बनने के बाद से ही अमेरिका ने अपने 'फेवरेट सर्विस प्रोवाइडर' को कई बार अपनाया और छोड़ा है- कभी रूस, कभी चीन, कभी इस्लामी दुनिया, कभी भारत के साथ समीकरण के आधार पर.
साम्यवादी ब्लॉक, अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व में स्थित होने के कारण पाकिस्तान हमेशा अमेरिका का पसंदीदा शिकारगाह रहा है, जब भी उसे पार्टनर की जरूरत पड़ी, अमेरिका पाकिस्तान के पास आया है.
पाकिस्तान ने इस ड्रामा में ब्रैड पिट स्टारर फिल्म Original Sin के एंजेलिना जोली जैसी परफेक्शन के साथ एक्टिंग की है. 1950 के दशक से यह कहानी मदद पैकेज, धोखे और असहज मुलाकातों के उतार-चढ़ाव से भरी रही है.
आने वाले दिनों में, हम इस गाथा को फिर से देखेंगे जिसकी शुरुआत भारत के विभाजन के वक्त हुई थी. अमेरिका की अनिच्छा से शुरू हुई गाथा जल्द ही 'Love At First Aid' जैसे लेन-देन वाले इश्क में बदल गई.
लेकिन 2021 में जो बाइडेन प्रशासन ने जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया तब पाकिस्तान के साथ अमेरिका का इश्क अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया जिसने पाकिस्तान को तन्हा और बेसहारा छोड़ दिया.
देखते रहिए इस रोमांचक कहानी में आगे क्या होता है जिसमें हीरा मंडी से भी ज्यादा ड्रामा और एक्शन है.
संदीपन शर्मा