दिल्ली में चुनावों का आज आखिरी दिन है. बीजेपी -कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ने ही अपना पूरा जोर लगा दिया है. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार, शीशमहल, यमुना की सफाई और साफ पीने के पानी का मुद्दा पर सबसे अधिक चर्चा हुई. पर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लगता है कि साफ पीने का पानी का मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनावों में जीत हार का सबसे बड़ा कारण बनने जा रहा है. हरियाणा पर जानबूझकर जहरीला पानी भेजने का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने लिए मुसीबत मोल ले ली. भारतीय जनता पार्टी तो लगतार साफ पीने के पानी को मुद्दा बनाया ही हुआ है, ऐन वोटिंग के तीन दिन पहले राहुल गांधी ने भी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में साफ पानी सप्लाई न कर सकने का आरोप लगाकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है. इस बीच आईएएनएस ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है जिसके अनुसार 23 विधानसभा क्षेत्रों के पीने के पानी की जांच की गई जहां सप्लाई किया जा रहा पानी पीने योग्य नहीं है. हालांकि आम आदमी पार्टी लगतार यह दावा कर रही है कि दिल्ली में साफ पानी की सप्लाई हो रही है. यद्यपि अरविंद केजरीवाल यह स्वीकार कर चुके हैं कि 24 घंटे पानी सप्लाई करने के वादे को वो पूरा नहीं कर सके है. इसके लिए वो जनता एस एक टर्म और मांग रहे हैं. इसके बावजूद इस बार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा साफ पानी की सप्लाई बन चुका है.
राहुल गांधी ने भी उठाई साफ पानी की आवाज
अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि वो जानबूझकर दिल्ली वालों को जहरीला पानी पिलाकर मारने की कोशिश कर रही थी. आम आदमी पार्टी इन आरोपों के जरिए दिल्ली चुनावों में बढ़त बनाने की कोशिश में थी. पर अब लगता है कि यह उनके लिए उल्टा पड़ चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी अपनी सभाओं में इस बयान को बार बार उठाया.केजरीवाल न केवल चुनाव आयोग द्वारा तलब हुए बल्कि उनके खिलाफ हरियाणा के थानों में मुकदमा भी दर्ज हुआ है. इस मुद्दे को लेकर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और दिल्ली के सीएम आतिशी के बीच जुबानी जंग भी हुई. नायब सैनी ने दिल्ली के एक घाट पर यमुना का पानी पीकर दिखाया. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने सैनी के पानी पीने के तरीके को गलत बताकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की. इतना सब होने के चलते ऐन वोटिंग के 48 घंटे पहले दिल्ली का यह सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है. अब राहुल गांधी के बार बार इस मुद्दे को उठाने के चलते केजरीवाल के समर्थकों को भी लगने लगा है कि बीजेपी झूठ नहीं बोल रही है. राहुल गांधी ने पहले केजरावाल को चैलेंज किया कि वो यमुना में डुबकी लगाकर दिखाएं. अब वो दिल्ली में सप्लाई होने वाले गंदे पानी को भी दिखा कर चैलेंज कर रहे हैं.
2 फरवरी रात 9.35 पर राहुल गांधी ने एक्स पर एक विडियो पोस्ट किया है और लिखा है कि एक तरफ़ दिल्ली के ग़रीब लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.दूसरी तरफ़ झूठे वादे करके सत्ता में आए केजरीवाल जी शीश महल में बैठकर अपनी टीम के साथ करोड़ों का भ्रष्टाचार करते हैं.
23 विधानसभा क्षेत्रों में जहरीले पानी की सप्लाई
अरविंद केजरीवाल ने जब हरियाणा सरकार पर दिल्ली में अफरा तफरी फैलाने के लिए वह यमुना नदी में जहर छोड़ने का आरोप लगाया था तो उन्हें यकीन नहीं रहा होगा कि यह मुद्दा इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन जाएगा. इस बीच आईएएनएस में प्रकाशित एक रिपोर्ट सिटिजन गाइड: डिकोडिंग दिल्ली वॉटर वोज 2025 ने आम जनता को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है.इस रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली, शाहदरा और कालकाजी – जो क्रमशः अरविंद केजरीवाल (पूर्व मुख्यमंत्री), राम निवास गोयल (दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष), और आतिशी मार्लेना (वर्तमान मुख्यमंत्री और जल मंत्री) के निर्वाचन क्षेत्र हैं – जल प्रदूषण के केंद्र बने हुए हैं. यह केवल जल संकट नहीं, बल्कि शासन का संकट भी है. रिपोर्ट बताती है कि 23 स्थानों में से 21 क्षेत्र AAP विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में आते हैं.इस रिपोर्ट के लिए 30 स्थानों से पानी के नमून लिए गए, खासतौर पर कम आय वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसमें 23 स्थानों पर पानी पीने योग्य नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह न केवल जन स्वास्थ्य संकट है, बल्कि राजनीतिक असफलता भी है.
यमुना सफाई और दिल्ली में पानी की उपलब्धता
यमुना की सफाई को लेकर कुछ भी कहना बेमानी है. यमुना कितनी साफ है हम सीधे आंख से देख सकते हैं. दिल्ली में आकर यमुना नाले में बदल जाती है. खुद अरविंद केजरीवाल यह स्वीकार कर चुके हैं कि वो यमुना को साफ करने का वादा नहीं कर सके.दिल्ली में चुनावी हलचल के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा दावा किया कि आने वाले दो साल में 1 लाख करोड़ रुपये के काम होंगे, पूरी दिल्ली की तस्वीर बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत, हमारे पास यमुना को साफ करने के लिए कुछ योजनाएं हैं, हम सीवेज के पानी को यमुना में जाने से रोकने के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन, चूंकि दिल्ली सरकार परियोजनाओं के लिए अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है, इसलिए कुछ काम अभी बाकी हैं. 2024 की एक रिपोर्ट बताती है कि उपलब्ध 37 एसटीपी में से 21 ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में प्रतिदिन 712 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) सीवेज उत्पन्न होता है. इसमें से 184.9 एमजीडी सीवेज बिना ट्रीट हुए सीधे यमुना में गिर रहा है.जो सीवर ट्रीटमेंट होकर यमुना में जा रहा है वो भी स्टैंडर्ड के हिसाब से नहीं है.
इसी तरह पीने के पानी का भी संकट हर दिन बढ़ रहा है. लगतार दिल्ली की पब्लिक साफ पानी को लेकर परेशान है. टैंकरों से दिल्ली की जनता की प्यास बुझाई जा रही है. गर्मियों के दिन में दिल्ली की जनता पानी के लिए खून के आंसू रोती है. अरविंद केजरीवाल खुद बोल चुके हैं टैंकर माफिया से लड़ना कठिन है. दिल्ली जल बोर्ड की हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि राजधानी में दैनिक जल आपूर्ति 129 करोड़ गैलन प्रति दिन की आवश्यकता के मुकाबले 96.9 करोड़ गैलन ही मिल रहा है. मतलब साफ है कि हर दिन की जरूरत के मुताबिक पानी दिल्ली के लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
आम आदमी पार्टी का तर्क भी वाजिब है
आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्हें ठीक से काम करने नहीं दिया गया नहीं तो दिल्ली में ये समस्या नहीं होती. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हर डिबेट में अपना पक्ष रखते हुए ये जरूर बताते हैं कि 2014 के मुकाबले यमुना में जा रहे गंदे पानी ट्रीटेड वॉटर का रेशियो बढ़ा है. दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर पिछले साल दिल्ली की तत्कालीन जल मंत्री आतिशी ने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ चुकी हैं.आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार में जल मंत्री होने के नाते राष्ट्रीय राजधानी को पानी दिलाने के लिए मैंने हर संभव प्रयास किया है, लेकिन अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है. दूसरी बात दिल्ली लैंड लॉक्ड स्टेट है. बिना दूसरे राज्यों की मदद के यहां का पानी संकट दूर नहीं हो सकता. इसलिए समस्या का हल केंद्र सरकार के सहयोग से ही संभव हो सकता है.
संयम श्रीवास्तव