ऑपरेशन सिंदूर में हुई पाकिस्तान की पिटाई के बाद तो उसकी लॉटरी लग गई

आम तौर पर युद्ध में हार होने के बाद किसी देश की सत्ता पर बैठे नेताओं के खिलाफ जनाक्रोश फैल जाता है. और पाकिस्तान में तो सत्ता प्रमुख और सेना प्रमुख दोनों का 'तख्तापलट' हो जाता है. पर इस बार पाकिस्तान में ऐसा नहीं होने जा रहा है.

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ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकवाद के अड्डों को तहस नहस कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकवाद के अड्डों को तहस नहस कर दिया है.

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को तहस नहस कर दिया. इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई एयरबेसों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है. पाकिस्तान की इस तरह कमर टूटी है कि उसे सालों लग जाएंगे स्थितियां सामान्य करने में. पर तस्वीर का दूसरा पहलू भी है. दरअसल पाकिस्तान को भारतीय सेनाओं से मिली मात के बाद कई तरफ से फायदे हो रहे हैं. पाक पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की तो जैसे लॉटरी ही लग गई है. आम तौर पर किसी भी देश की किसी युद्ध में हार होने के बाद सत्ता में बैठे नेताओं के खिलाफ जनाक्रोश फैल जाता है. पाकिस्तान में तो सेना प्रमुख के खिलाफ तख्तापलट तक हो जाता है. पर पाकिस्तान में ऐसा नहीं होने जा रहा है. क्योंकि पाक नेताओं ने देशवासियों के बीच इस हार को भी इस तरह गिनाया है जैसे उनकी लॉटरी लग गई है. वैसे देखा जाए तो बहुत हद तक ये सही भी है.

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1-अमेरिका ने पाकिस्तान-भारत को और मोदी -शहबाज को बराबर मान लिया

पिछले दशक से पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ता जा रहा था. एक समय ऐसा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आता था तो उसका पाकिस्तान जाना भी जरूरी होता था. पर दुनिया की राजनीति में पाकिस्तान ऐसा अलग थलग हुआ कि अब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आते थे तो पाकिस्तान में झांकने भी नहीं जाते हैं. भारत का मुकाबला अब चीन के साथ होने लगा था. पर ट्रंप ने जिस तरह सीजफायर कराने का श्रेय लेने के बाद बयानबाजी की है उससे पाकिस्तानी बहुत खुश होंगे. ट्रम्प ने इस दौरान दोनों देशों के नेताओं, नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ की प्रशंसा की, उन्हें शक्तिशाली, मजबूत, और स्मार्ट नेता बताया. 

ट्रंप ने एक बार फिर 13 मई 2025 को सऊदी अरब में एक निवेश मंच पर कहा कि मोदी और शरीफ बहुत शक्तिशाली नेता हैं, बहुत मजबूत नेता, अच्छे नेता, स्मार्ट नेता. 

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ये दुनिया जानती है कि मोदी और शहबाज शरीफ की तुलना नहीं हो सकती है. भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत जैसे विशाल देश में जनता से चुनकर आ रहे हैं. शहबाज को तो पाकिस्तानी जनता ने ही नकार दिया. इमरान खान को जेल में डालकर किसी तरह सहयोगी दलों और पाक आर्मी की कृपा पर शहबाज पीएम बने हुए हैं. यही हाल पाकिस्तान का है. आर्थिक रूप से जर्जर हो चुके देश में जिसे दुनिया भर में आतंकवादियों के पनाहगार के रूप में जाना जाता है की तुलना भारत जैसे चौथी आर्थिक शक्ति से कैसे हो सकती है? दोनों देशों को एक तराजू पर तौलकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद ही अपनी भद पिटाई है.

2- कश्मीर को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बहस का विषय बना दिया

कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का उपयोग कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने के लिए किया है . जाहिर है कि अब यह सही होता दिख रहा है. अमेरिका ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की, जिसे पाकिस्तान ने अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश की है. हालांकि पीएम मोदी ने किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार कर दिया है . इतना ही नहीं. उन्होंने यहां तक कहा है कि भारत अब केवल पीओके और आतंकवाद पर ही पाकिस्तान से बातचीत करेगा.

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हालांकि पाकिस्तानी नेताओं ने भारत के हमलों को आक्रामकता बताकर वैश्विक सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की पर चीन और तुर्की जैसे सहयोगी भी खुलकर अभी तक समर्थन नहीं कर सके हैं.यही नहीं अधिकांश मुस्लिम देशों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया है.

3-युद्ध के बीच IMF से बेलआउट पैकेज ले लिया

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झटका दिया, जिसमें कराची स्टॉक एक्सचेंज में 6400 अंकों की गिरावट और 2.85 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. X पर एक पोस्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रतिदिन 3.2 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. पाकिस्तानी नेताओं ने इस संकट का उपयोग IMF और विश्व बैंक से मदद मांगने के लिए किया. 9 मई 2025 को, IMF ने पाकिस्तान के लिए $2.4 बिलियन के पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें $1 बिलियन मौजूदा Extended Fund Facility (EFF) से और $1.4 बिलियन नए Resilience and Sustainability Facility (RSF) से शामिल है. यह पैकेज पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता और जलवायु संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए था. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि ट्रंप ने सीजफायर के बदले पाकिस्तान को यह तोहफा दिया है. 

4-आंतरिक राजनीतिक एकजुटता और राष्ट्रवाद को बढ़ावा

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी नेताओं, विशेष रूप से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भारत के हमलों को संप्रभुता पर हमला करार दिया. शहबाज शरीफ ने कहा, पाकिस्तान की पूरी आवाम सेना के साथ खड़ी है. पाकिस्तान में सेना और राजनीतिक दल भारत विरोधी हवा को राष्ट्रवादी भावनाएं उभारने में लगा रहे हैं. इसका फायदा आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता जैसे इमरान खान के समर्थकों और सरकार के बीच तनाव को कम करने में भी लगाया जा रहा है.

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यह राष्ट्रवादी उभार बलूचिस्तान में स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. पाकिस्तानी नेता बलूच विद्रोह को भारत प्रायोजित बताकर जनता का ध्यान बलूचों के मानवाधिकारों के उल्लंघन से हटा सकते हैं. 

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