'जब से चीते आए हैं, तब से उनसे जुड़ा हूं,' चीतों को परात में पानी पिलाकर वायरल हुए बहादुर युवक का इंटरव्यू

कूनो नेशनल पार्क से अटैच एक प्राइवेट गाड़ी के ड्राइवर सत्यनारायण ने बताया, "हमारी कई पीढ़ियां जंगल में रहती आई हैं. मुझे जानवरों से गहरा लगाव है. उस दिन चीतों की प्यास देखी नहीं गई, इसलिए पानी पिला दिया था."

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चीतों को पानी पिलाने से चर्चा में आए सत्यनारायण गुर्जर. चीतों को पानी पिलाने से चर्चा में आए सत्यनारायण गुर्जर.

खेमराज दुबे

  • श्योपुर ,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता ज्वाला और उसके शावकों को पानी पिलाकर चर्चा में आए युवक सत्यनारायण गुर्जर वायरल वीडियो की सच्चाई बयां की. वन विभाग से अटैच प्राइवेट गाड़ी के ड्राइवर सत्यनारायण ने बताया कि चीतों को प्यासा देख पानी पिलाया था, लेकिन किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. इस वजह से वन विभाग ने एक्शन लिया था. हालांकि, अब काम पर वापस बुला लिया है.  

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ड्राइवर सत्यनारायण ने कहा, "जब से कूनो में चीते आए हैं, मैं उनसे जुड़ा हूं. मेरी निजी गाड़ी वन विभाग ने ट्रैकिंग के लिए किराए पर ली थी. उस दिन सुबह टीम के साथ था, चीते एक जगह रुके थे और प्यासे दिख रहे थे. मैंने परात में पानी भरकर उन्हें पिला दिया. मुझे नहीं पता था कि कोई वीडियो बना रहा है, जो वायरल हो गया. इसके बाद डीएफओ के निर्देश पर मुझे गाड़ी सहित हटा दिया गया. लेकिन एक दिन पहले पार्क प्रबंधन ने मुझे वापस बुला लिया. मैं प्रशासन का धन्यवाद देता हूं. अब कोई शिकवा नहीं है." 

सत्यनारायण ने बताया, "हमारी कई पीढ़ियां जंगल में रहती आई हैं. मुझे जानवरों से गहरा लगाव है. उस दिन चीतों की प्यास देखी नहीं गई, इसलिए पानी पिला दिया." गत मंगलवार को वे श्योपुर के ढेंगदा गांव में गुर्जर समाज के देव नारायण मंदिर पहुंचे, जहां समाज बंधुओं ने पुष्पहार पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका सम्मान किया.

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गुर्जर समाज के अध्यक्ष देवी शंकर गुर्जर ने कहा, "सत्यनारायण ने प्यासे चीतों को पानी पिलाकर गौरवपूर्ण कार्य किया. यह हम सभी के लिए सम्मान की बात है." सत्यनारायण की इस घटना ने न केवल उनकी संवेदनशीलता को उजागर किया, बल्कि मानव-वन्यजीव संबंधों पर भी चर्चा छेड़ दी है.

बता दें कि पिछले शनिवार को कूनो के खुले जंगल में चीता ज्वाला और उसके शावकों को पानी पिलाते सत्यनारायण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया. 

विभाग ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए सत्यनारायण को तत्काल हटा दिया. लेकिन उनके समर्थन में सोशल मीडिया यूजर्स और गुर्जर समाज के लोग सामने आए. मामले के तूल पकड़ने पर पार्क प्रबंधन ने उन्हें वापस काम पर रख लिया, हालांकि वीडियो को लेकर विभागीय जांच जारी है.

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