मां की मृत्यु के बाद नानी के घर छोड़ गए पिता, खर्चा तक नहीं देते, बाल आयोग के सामने फफक पड़े भाई-बहन

Crime News: पिता ने अपने 5 और 7 साल के बेटा-बेटी को ननिहाल में छोड़ दिया था. मासूम बच्चों ने राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को बताया कि 3 साल पहले हादसे में मां को खो दिया और पिता लोकमसिंह हमें नाना-नानी के पास छोड़कर चले गए. तभी से हमको नाना-नानी पाल रहे हैं.

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिविर का आयोजन किया. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिविर का आयोजन किया.

राजेश रजक

  • रायसेन ,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

MP News: रायसेन जिले में राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से ननिहाल में रह रहे दो बच्चों ने अपने पिता के खिलाफ शिकायत की. कहा कि मां की मृत्यु के बाद पिता ने उनको ननिहाल में छोड़ रखा है. नाना-नानी मजदूरी कर उनका भरण पोषण करते हैं. 5 और 7 साल के भाई-बहन फफक-फफककर रोने लगे तो बाल आयोग अध्यक्ष की आंखों में भी आंसू आने लगे. बच्चों की शिकायत पर पिता के खिलाफ केस दर्ज हो गया है.  

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जिले के मोरझिरी गांव का यह मामला है. जहां अपनी पत्नी की मृत्य के बाद लोकमसिंह ने अपने 5 और 7 साल के बेटा बेटी को ननिहाल में छोड़ दिया था. मासूम बच्चों ने राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को बताया कि 3 साल पहले हादसे में मां को खो दिया और पिता लोकमसिंह हमें नाना-नानी के पास छोड़कर चले गए. तभी से हमको नाना-नानी पाल रहे हैं. पिता न तो हमारी पढ़ाई का खर्चा देते हैं, न हमसे कभी मिलने आते और न ही बात करते हैं.हमारी पढ़ाई भी  प्रभावित हो रही है. 

7 साल की बच्ची और 5 साल के बच्चे ने बाल आयोग के समक्ष अपनी पीड़ा सुनाई. बच्चों की नानी राधा बाई ने बताया कि हम (नाना-नानी) मजदूरी कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. 7 जून 2020 को हादसे में मेरी बेटी की मौत हो गई थी और दामाद लोकमसिंह बच्चों को हमारे पास छोड़ गए, तभी से हम बच्चों की परवरिश खेतों में मेहनत मजदूरी करके कर रहे हैं और दोनों बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

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राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बच्चों की बात सुनी और बच्चों के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि आपकी मदद की जाएगी. वहीं, देवनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र दायम को बच्चों के पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए. देवनगर पुलिस ने बच्चों के पिता लोकमसिंह निवासी मोरझरी के खिलाफ किशोर न्याय की धारा 75 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया. 

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शाहवाल ने बताया कि किशोर न्याय की धारा 75 में 3 साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान है. इसी तरह यदि कोई वास्तविक माता-पिता अपने बच्चों का परित्याग करते हैं और उनके लालन-पालन में लापरवाही बरतते हैं तो इस मामले में 5 साल की सजा और 5 लाख के जुर्माने का भी प्रावधान है.  

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