दमोह जिले के हटा नगर से मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां एक हत्या के मामले में पोस्टमार्टम के बाद शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं था. मजबूरी में नगर पालिका परिषद हटा ने कचरा ढोने वाली ट्रॉली गाड़ी शव ले जाने के लिए उपलब्ध कराई. यही गाड़ी, जो रोज कचरा उठाने और अन्य कामों में इस्तेमाल होती है, उसमें मृतक का शव रखकर परिजनों को घर ले जाना पड़ा.
इस घटना को देखकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वो अस्पताल प्रशासन और नगर पालिका पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि शव वाहन न होने से परिवार को अमानवीय स्थिति का सामना करना पड़ा. यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है.
कूड़ा उठाने वाले वाहन से ले जाया गया शव
जानकारी के मुताबिक दमोह जिला अस्पताल में दो शव वाहन मौजूद हैं, लेकिन ये वाहन केवल जिला अस्पताल में मौत होने पर ही परिजनों को दिए जाते हैं. उप जिलों और छोटे नगरों में शव वाहन की कोई सुविधा नहीं है. हटा नगर में शव वाहन की सुविधा न होने से अक्सर परिजनों को निजी साधन का सहारा लेना पड़ता है.
अस्पताल में नहीं मिला शव उठाने वाला वाहन
इस मामले ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि छोटे नगरों और ग्रामीण इलाकों में भी शव वाहन की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. फिलहाल प्रशासन ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है.
शांतनु भारत