कितनी अलग है यूट्यूब-बॉलीवुड की दुनिया, प्रजाक्ता कोली बोलीं- मुश्किल...

साहित्य आजतक 2025 के पहले दिन बॉलीवुड डायरेक्टर शशांक खेतान और यू ट्यूबर-एक्ट्रेस प्रजाक्ता कोली ने मंच संभाला. शशांक ने अपनी नई नेटफ्लिक्स सीरीज सिंगल पापा के बारे में बताया, जबकि प्रजाक्ता ने यूट्यूब और बॉलीवुड के काम में फर्क समझाया.

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साहित्य आजतक में पहुंचीं प्राजक्ता कोली (Photo Credits: SKY - Atul Kumar Yadav/VDM - Vidushi Mehrotra) साहित्य आजतक में पहुंचीं प्राजक्ता कोली (Photo Credits: SKY - Atul Kumar Yadav/VDM - Vidushi Mehrotra)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

साहित्य आजतक 2025 का शानदार आगाज हो चुका है. इवेंट के पहले दिन साहित्य, गीत-संगीत, कला और अभिनय के महारथियों ने शिरकत की. बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर शशांक खेतान भी अपनी टीम के साथ साहित्य आजतक का हिस्सा बने. साहित्य आजतक के मंच से उन्होंने अपनी नई सीरीज सिंगल पापा पर बात की. यूट्यूबर-एक्ट्रेस प्रजाक्ता कोली  ने बॉलीवुड और यूट्यूब की दुनिया में फर्क बताया. 

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किताबों की शौकीन हैं प्रजाकता
प्रजाक्ता कोली यूट्यूब की दुनिया का बड़ा नाम हैं. अब वो एक्टिंग की दुनिया में भी अपना कमाल दिखा रही हैं. यूट्यूबर-एक्ट्रेस होने के साथ-साथ प्रजाक्ता राइटर भी बन गई हैं. उन्होंने Too Good to Be True नॉवेल से डेब्यू किया है. साहित्य आजतक के मंच पर उन्होंने किताबों और राइटिंग के प्रति अपना प्यार बयां किया. 

प्रजाक्ता ने कहा कि हमें किताबों पर ज्यादा प्रेशर नहीं डालना चाहिए. एक किताब पढ़ रहे हैं और वो अच्छी लग रही है, तो ठीक है पहले उसे खत्म करो. अगर नहीं पसंद आ रही है, तो छोड़ दो. आगे बढ़ो. क्योंकि किसी किताब को एक दिन में खत्म करने का प्रेशर नहीं डालना चाहिए. ना ही जबरदस्ती बुकिंग रीडिंग करनी चाहिए. 

यूट्यूब और बॉलीवुड में क्या फर्क है
प्रजाक्ता से पूछा गया कि यूट्यूब और बॉलीवुड में कितना फर्क है. इस पर उन्होंने कहा कि दोनों का अपना मजा है. यूट्यूब में आप सिर्फ कैमरा लेकर खड़े हो जाते हैं. सिर्फ आप होते हैं और अपनी बात कहनी होती हैं. लेकिन बॉलीवुड में टीम होती है. सेट पर बहुत सारे लोग होते हैं, जिनका अपना-अपना काम होता है.

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प्रजाक्ता ने कहा कि पहले जब मैं इंडस्ट्री में नई थी, तो बहुत डर लगता था. शूट के वक्त भागकर अपना शॉट देखने जाती थी. देखती थी कि कौन सा शॉट बेहतर है. पर फिर पता चला कि शॉट देखना हमारा काम नहीं होता है. कौन सा शॉट अच्छा है, कौन सा बुरा ये देखना डायरेक्टर का काम होता है. यूट्यूब में जब कोलैब करते है, तो काम करने में मजा आता है. पर बॉलीवुड में आपके बहुत सारे दोस्त बन जाते हैं, जिनके साथ पार्टी करके अच्छा लगता है.

काम को लेकर क्या बोले शशांक 
यूट्यूब या बॉलीवुड किस प्लेटफॉर्म पर काम करना ज्यादा मुश्किल है. इस पर शशांक खेतान ने कहा कि हर प्लेटफॉर्म और काम मुश्किल है. आज के वक्त में कोई भी चीज आसान नहीं है. कोई भी जॉब ऐसी है, जिसमें आपको मेहनत ना करनी पड़े. मैं मूवी बैकग्राउंड से आता हूं, तो कहता हूं कि कोई चीज आसान नहीं है. 

शशांक ने कहा कि जब मैं ओटीटी पर आया और सीरीज बनाई, तो पता चला कि ये सब कितना मुश्किल है. 

कौन संभाल सकता है बच्चा?
इवेंट में एक टास्क हुआ, जिसमें सिंगल पापा की टीम को एक बच्चे को हैंडल करना था. ये न्यू बॉर्न बेबी काल्पनिक था. सभी सेलेब्स से न्यू बॉर्न बेबी से जुड़े सवाल किए गए. मनोज पाहवा के अलावा लगभग सभी ने सही-सही जवाब दिया. शशांक से पूछा गया कि न्यू बॉर्न बेबी को कितने घंटे में फीड कराना होता है. उन्होंने कहा कि हर एक या दो घंटे बाद बच्चे को दूध देना होता है. शशांक ने सही जवाब देकर साहित्य आजतक में मौजूद फैन्स का दिल जीत लिया.

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शशांक ने साहित्य आजतक के मंच से उनकी अपकमिंग सीरीज सिंगल पापा देखने की भी गुजारिश की. सिंगल पापा 12 दिसबंर को नेटफिलिक्स पर स्ट्रीम होगी. सीरीज में प्रजाक्ता कोली और कुणाल खेमू लीड रोल में हैं. 

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