साहित्य आजतक की महफिल फिर सजने वाली है और जोश-ओ-खरोश से हो रहा है आपका इंतजार... नर्म धूप और सर्द हवा के साथ गुलाबी हो चले मौसम में जब दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मजमा जमेगा तो समझिए मजा ही आ जाएगा. बीते कई वर्षों की तरह इस बार भी तीन अलग-अलग मंच सज रहे हैं, जिनके जरिए आपसे रूबरू होंगे, कलम के कई सिपाही, सुरों के बहुतेरे बादशाह, कला के खूब धुरंधर, अभिनय के मशहूर सरताज,
फिर होंगी गर्मागम चाय की चुस्कियां और लंबे-लंबे किस्सों-दास्तानों के दौर चलेंगे. इस बार साहित्य आजतक इस लिहाज से बेहद खास होने वाला है. क्योंकि तीनों दिन पहला ही सेशन खासतौर पर कवि कुमार विश्वास के नाम होगा, जहां वे अपने-अपने राम के तहत रामकथा कहेंगे.
तीसरे दिन स्टेज-2 दस्तक दरबार में आपसे रूबरू होंगी, साध्वी भगवती सरस्वती, जो हृषिकेश में स्थापित परमार्थ की निकेतन की इंटरनेशनल डाइरेक्टर हैं. उनकी ख्याति अध्यात्मिक नेता के तौर पर भी है और वह युवाओं के बीच मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी मशहूर हैं. साध्वी भगवती मंच के जरिए आपसे मन, आत्मा और मोक्ष की बातें करेंगी.
फिर चलेंगे किस्से कहानियों के दौर... जब आपके साथ होंगे दिव्य प्रकाश दुबे जो उपन्यासकार हैं, स्क्रिप्ट राइटर भी हैं और बहुत बेहतरीन कहानीकार भी हैं. उनके साथ बात करके आप जानेंगे कि नए दौर की कहानियां कितनी बदली हैं. स्क्रिप्ट लेखन की क्या-क्या बारीकियां हैं और कहानी कहने-सुनाने की अदा किस तरह एक मजेदार कला में तब्दील हो जाती है.
अच्छा ये बताइए, इंस्टा पर स्क्रॉल करते हुए आपने एक चेहरे को बार-बार देखा होगा! एक लड़का है, कितनी खूबसूरती से कहानियां सुनाता है. छोटी-छोटी कहानियों में बड़ी-बड़ी बातें कर जाता है. कभी उसकी कहानियों में रूमानियत होती है, कभी वो सूफियाना बातें करता है और कभी-कभी ऐसी बातें जो इस दुनिया की होते हुए भी इस दुनिया की नहीं लगतीं... आप समझ गए होंगे कि हम लक्ष माहेश्वरी की बात कर रहे हैं, जिन्होंने स्टोरी टेलिंग में एक बढ़िया मुकाम हासिल किया है.
ऐसे ही तमाम हस्तियों से मिलना हो तो तारीख और जगह याद कर लीजिए, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 21, 22 और 23 नवंबर यानी 3 दिन तक आप कला जगत के अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गजों से मिल सकेंगे.
ये आयोजन अब दिल्ली में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है और राजधानी की शान बन चुका है. साहित्य आज तक- भारतीय भाषा, साहित्य, कला और मनोरंजन जगत का सबसे बड़ा मेला है. गीत, संगीत, शायरी, कविता, नाटक, विचार, विमर्श और चिंतन के दिग्गजों से गुलजार इस महासंगम के पीछे 'आज तक' का उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी और आम जनता को भारतीय भाषा, कला, संगीत और संस्कृति से सीधे जोड़ना है. तो देर मत कीजिए, आज ही 'साहित्य आज तक' की टिकट बुक करें.
साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आज तक' में अभी रजिस्टर करें.
तारीख: 21, 22 और 23 नवंबर, 2025
आयोजन स्थल: मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, नई दिल्ली
रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट: aajtak.in/sahitya
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