भोजपुरी फिल्म को परितोष ने किया इनकार, बोले- जिंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा

साहित्य आजतक 2025 के मंच पर 'चाय सी मोहब्बत' प्रोग्राम के अंतर्गत कॉमेडियन परितोष त्रिपाठी आए. यहां उन्होंने प्यार, फिल्मों के ऑफर्स और पर्सनल लाइफ से जुड़ी बात की.

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परितोष त्रिपाठी को मिले भोजपुरी फिल्मों के ऑफर (Photo: K Asif) परितोष त्रिपाठी को मिले भोजपुरी फिल्मों के ऑफर (Photo: K Asif)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST

एक्टर, एंकर, लेखक और कॉमेडियन परितोष त्रिपाठी किसी परिचय के मोहताज नहीं. परितोष, साहित्य आजतक 2025 के प्रोग्राम में आए. कॉमेडियन ने कहा कि आजतक इतना सम्मान नहीं मिला जितना आज मिल रहा है. इस दौरान उन्होंने सभी का शुक्रिया अदा भी किया. 

करियर पर की परितोष ने बात
परितोष ने बताया कि काफी उतार-चढ़ाव के बाद उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई. वो एक एक्टर पहले हैं, इसके बाद राइटिंग में शौक रखते हैं. परितोष बोले- एक्टिंग मेरा पहला प्यार है. राइटिंग मेरा एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है. एक को मैं छोड़ नहीं सकता और एक मेरे से छूटती नहीं है. परितोष फिल्मों में भी काफी काम कर चुके हैं. लेकिन डांस रियलिटी शो में इनका 'मामा जी' का किरदार काफी पसंद किया गया. 

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भोजपुरी फिल्मों का मिला ऑफर
परितोष ने कहा कि मैं यूपी से हूं. मुझे एक-दो बार भोजपुरी फिल्मों का ऑफर आया, मैंने मना कर दिया. क्योंकि फिल्मों के बाद पॉलिटिक्स में भी जाना पड़ता है. और मैं ये कहूंगा कि जिंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा.

फर्स्ट ईयर में आई थी पत्नी पसंद
परितोष भी एक-दो बार ब्रेकअप का दर्द झेल चुके हैं. पर फिर जब वो कॉलेज में थे तो उन्हें उत्तराखंड की एक लड़की से प्यार हुआ. मां को फोटो दिखाई. तो जाकर शादी हुई. आज दोनों पेरेंटहुड पीरियड एन्जॉय कर रहे हैं. 

परितोष ने 'जनहित में जारी' और 'लूडो' जैसी फिल्में की हैं. दर्शकों का खूब प्यार मिला है. शिल्पा शेट्टी पर चुटकुले मारने के लिए परितोष को जाना जाता है. परितोष ने अपनी तीसरी किताब साहित्य आजतक 2025 के मंच पर रिलीज की, जिसका नाम 'घनघोर इश्क' है.

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परितोष त्रिपाठी ने बताया कि कोरियोग्राफर गीता कपूर उन्हें राखी बांधती हैं. जब उन्होंने उन्हें अपनी लिखी कविताएं दिखाईं तो परितोष को किताब में इन्हें लेकर आने की सलाह गीता कपूर ने दी. आज परितोष की तीन किताबें लॉन्च हो चुकी हैं. इसके अलावा इनकी पापा वाली कविता दर्शकों के बीच काफी मशहूर हैं. साहित्य आजतक के मंच पर परितोष ने पापा वाली कविता सुनाई. इस दौरान वो काफी इमोशनल भी हो गए थे. परितोष ने कहा कि कभी-कभी रो भी लेना चाहिए. आंसू छिपाने का कोई फायदा नहीं. परितोष अपने पिता को खो चुके हैं. 

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