तो फिर किस एक्सरसाइज से सबसे ज्यादा कैलोरीज बर्न होती है?
लोगों के बीच काफी लोकप्रिय वर्कआउट है- क्रॉसफिट जिसे Cindy भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने इस पर भी स्टडी की. इस एक्सरसाइज में व्यक्ति पुल-अप्स, पुश-अप्स और स्क्वैट्स के कई राउंड करता है.
इसलिए कैलोरी बर्न की मात्रा बढ़ाने के लिए आपको ऐसी एक्सरसाइज करने की जरूरत है जिसमें हाई इंटेसिटी लेवल पर अपर बॉडी और लोवर बॉडी की मसल दोनों ऐक्टिव हों.
ताबाता स्टडी के लेखक जॉन पोरकरी ने कहा, हालांकि एक मिनट में बर्न कैलोरी के आधार पर ही वर्कआउट एनर्जी का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है. ट्रेनिंग में व्यक्ति कुल कितना समय देता है और वह वर्कआउट कितनी शिद्दत के साथ कर रहा है, ये भी मायने रखता है.
वह कहते हैं, अगर आपके पास वक्त की कमी है तो फिर आपके लिए हाई इंटेसिटी
इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) सबसे बढ़िया विकल्प है. लेकिन कई लोग इस ट्रेनिंग
में सहज महसूस नहीं करते हैं या इसे कर ही नहीं पाते हैं.
सबसे अच्छा तरीका है कि लोग वह एक्सरसाइज करें जो उनके लिए बेहतर हो. जो लोग ज्यादा एनर्जी की खपत वाली एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, वे लंबे समय तक चलने वाली एक्सरसाइज कर सकते हैं, जैसे- रनिंग
अमेरिकन काउंसिल के ऑनलाइन कैलोरी एस्टिमेटर के मुताबिक, 115 पाउंड वजनी इंसान धीमी या मध्यम गति से 30 मिनट दौड़कर 260 कैलोरी बर्न कर सकता है, जबकि क्रॉस फिट करने वाले लोग इतनी कैलोरी 20 मिनट में बर्न कर सकते हैं. अगर आप तेज गति से दौड़े तो और भी ज्यादा कैलोरीज बर्न कर सकते हैं. यानी दोनों ही एक्सरसाइज के बीच के फर्क को कम किया जा सकता है.
वर्कआउट की इंटेसिटी कितनी है, केवल यह मायने नहीं रखता है बल्कि आप इसे कितनी देर तक करते हैं, इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है. तो अगर आप ज्यादा से ज्यादा एनर्जी खर्च करना चाहते हैं तो आप एक हाई इंटेसिटी की एक्सरसाइज को चुनिए और ज्यादा समय तक करिए.
अधिकतर लोग रनिंग पसंद करते हैं. कुछ लोग फास्ट सायकलिंग और कुछ लोग ताबाता को प्राथमिकता देते हैं. रिसर्च यह सुझाव देती है कि अगर आप समय और इंटेसिटी को ध्यान में रखें तो ये सभी एक्सरसाइज थोड़ा कम या ज्यादा, पर असरदार हैं.
चर्च कहते हैं, कैलोरी बर्न करने के लिए सबसे बेस्ट वर्कआउट वह है जो आप करना चाहते हैं, जिसे आप वास्तव में करते हैं. आप भले ही सबसे मुश्किल और ज्यादा कैलोरी बर्न करने वाली एक्सरसाइज करना शुरू कर दें लेकिन आप अगर इसे लंबे समय या नियमित तौर पर नहीं करेंगे तो फिर इससे भी कोई फायदा नहीं होने वाला है.