जैमी ने बताया कि वह इस बीमारी की वजह से लगभग 9 बार मर चुके हैं. यहां उनके कहने का मतलब यह है कि 9 बार दिल का दौरा पड़ने के दौरान उनका दिल अचानक धड़कना बंद हो गया और उन्होंने मौत को बहुत करीब से महसूस किया है.
डॉक्टर के मुताबिक, करीबन 5000 लोगों में से 1 इंसान को ये बीमारी होती है और जैमी उन्हीं चुनिंदा लोगों में से एक हैं. उन्होंने बताया कि उनको 20 साल की उम्र से लगातार कार्डियक अरेस्ट पड़ रहे हैं और 3 हफ्तों में 4 बार कार्डियक अरेस्ट भी पड़ चुके हैं.
हालांकि, अलग-अलग व्यक्तियों में इसका प्रभाव काफी अलग होता है. जैमी की बात करें तो उन्हें कई बार कार्डियक अरेस्ट पड़ चुका है, जिसमें ब्लड दिल से बाहर नहीं निकल पाता है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
बता दें, जैमी के शरीर में इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर (ICD) नाम की डिवाइस लगी हुई है. जब जैमी के दिल की धड़कव रुकने लगती है तो इस डिवाइस की मदद से जैमी का दिल फिर से धड़कने लगता है.
हालांकि, डॉक्टर ने जैमी को हार्ट ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी है, क्योंकि उनका दिल कभी भी काम करना बंद कर सकता है. साथ ही डॉक्टर ने जैमी को एक्सरसाइज करने और ज्यादा भाग दौड़ करने के लिए भी मना किया किया है, ताकि उनके दिल पर किसी तरह का प्रेशर न पड़े.
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षण-
सांस लेने में मुश्किल होना, खासकर एक्सरसाइज करते समय, सीने में दर्द होना, एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में चक्कर आना आदि. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.