समाज में बदलाव हम सब लाना चाहते हैं, पर कोशिश हम में से कितने लोग करते होंगे? समाज में कुछ अच्छा बदलाव लाने के लिए हमें वैज्ञानिक होने या नोबल प्राइज जीतने की जरूरत नहीं है.आपके पास अगर कुछ करने का हौसला है तो आप देश में बदलाव जरूर ला सकते हैं.
ऐसा ही कुछ इरादा था इन 10 महिलाओं का जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और हौसले के साथ एक नेक काम की ओर कदम उठाया और सफलता पाई.
आइए जानते है कि कौन है वो 10 सुपर वुमन -
1. प्रीती पाटकर-
प्रीती गृहणी हैं और साथ ही मुंबई के रेड लाइट एरिया में एक एन.जी.ओ चलाती हैं. रेड लाइट एरिया में जो बच्चे काम किया करते थे प्रीती ने उनके लिए दुनिया का पहला नाइट केयर सेंटर बनाया. जिससे वो उन बच्चों की मदद कर रही हैं.
2.स्नेहा कामथ-
ये एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने सोशियोलॉजी में स्नातक करने के बावजूद ड्राइविंग स्कूल चलाना शुरू किया. स्नेहा का ड्राइविंग स्कूल बड़ा खास है क्योंकि यहां सिर्फ औरतों को ड्राईविंग सिखाई जाती है. अक्सर महिलाओं की ड्राइविंग स्किल पर मजाक बनाए जाते हैं और इससे थक कर स्नेहा ने महिलाओं के लिए ड्राइविंग स्कूल खोला ताकि महालाएं पुरूषों के उपहास का जरिया न बने.
3. पूजा टपारिया-
पूजा ने एक बार बाल-शोषण पर एक प्ले क्या किया उनकी तो पूरा जिंदगी ही बदल गई. उन्होनें बाल-शोषण के शिकार हुए बच्चों की मदद करने की ठानी और अर्पण नाम का एक एनजीओ शुरू कर दिया. अर्पण की वजह से करीब 70,000 परिवारों पर असर पड़ा.पूजा ने अपने एन.जी.ओ अर्पण के जरिए न जाने कितने बाल-शोषण के शिकार बच्चों की जिंदगी सवार दी.
4.माला श्रीकांत-
जिंदगी को हम जैसा बनाना चाहें बना सकते हैं. ये बात साबित करतीं हैं माला श्रीकांत. इनकी जिंदगी में भी बहुत उतार-चढ़ाव आए. पेशे से डॉक्टर रहीं माला अपने तलाक और एक गंभीर एक्सीडेंट के बाद ओमान से भारत लौट आई. यहां उन्होंने रानीखेत के लोगों की भलाई और फाइनेंशियल मदद करने के लिए एक बुनाई की फैक्ट्री शुरू की. इस फैक्ट्री से न सिर्फ उनकी जीविका चल रही है बल्कि रानीखेत के कई घरों में चूल्हा भी जल रहा है.
5.प्रतिमा देवी-
कूड़ा बीनने का काम करने वाली प्रतिमा देवी का दिल बहुत बड़ा है. दिल्ली के भीड़-भाड़ ईलाके में रहने वाली प्रतिमा देवी गली के कुत्तों के लिए किसी देवी से कम नहीं हैं. ये हर रोज करीब 300 से ज्यादा कुत्तों का पेट भरती हैं और उन्हें अपने बच्चे की तरह पालती हैं.
6. रिचा सिंह-
रिचा सिंह डिप्रेशन से परेशान चल रहे लोगों की मदद करती हैं. इन्होंने डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए एक वेबसाइट योर दोस्त बनाई है. जिसके जरिए ये डिप्रेशन के शिकार लोगों की मदद करती हैं.
7.रिया शर्मा-
रिया शर्मा एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद करती हैं. ये एक वेबसाइट के जरिए एसिड अटैक पीड़ितों का हुनर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं. उस वेबसाइट के जरिए जो भी फंड इकट्ठा होता है उस पैसे को रिया एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद में लगाती हैं.
8. शीला गोष-
अक्सर लोग 60-65 की उम्र में ही खुद को थका हारा मानने लगते हैं. पर 85 साल की शीला की सोच इससे कहीं ऊपर है. अपने इकलौते बेटे की मौत के बाद शीला कि जिम्मेदारी उनके पोतों पर आ गई. उनके घर रहने से मना कर इन्होंने कोलकाता में आलू-फ्राई बेचनापसंद किया और अपनी जिम्मेदारी खुद उठाई.
9. प्रेमलता अग्रवाल-
ये एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने दो बच्चे होने के बावजूद माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की. इन्होने अपने नाम माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली सबसे ओलडेस्ट वुमेन का रिकॉर्ड बनाया हुआ है.
10.परशिया नारायन-
अपनी पढ़ाई छोड़कर 19 साल की उम्र में इन्होंने उससे शादी कर ली जिससे ये प्यार करतीं थी. धीरे-धीरे इनके पति को शराब की लत लग गई. इसके बाद परशिया ने अपने पति को छोड़ दिया और जीविका चलाने के लिए केटरिंग का बिजनैस शुरू किया.अपनी मेहनत और लगन से अपने केटरिंग के बिजनैस को इन्होंने एक अच्छे मकाम तक पहुंचा दिया.