लड़कियों के चेहरे पर आ रहीं 'दाढ़ी-मूंछ'....रूस की WHO की डॉक्टर ने बताया क्यों हो रहा ऐसा

लड़कियों के चेहरे पर हल्की दाढ़ी या मूंछें आने की समस्या बढ़ रही है, जिसे हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहा जाता है. इसका कारण क्या है, इस बारे में WHO की एक्सपर्ट क्या कहती हैं, इस बारे में जानेंगे.

Advertisement
महिलाओं के चेहरे पर बाल आने को मेडिकल भाषा में हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहते हैं. (Photo: ITG) महिलाओं के चेहरे पर बाल आने को मेडिकल भाषा में हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहते हैं. (Photo: ITG)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

स्किन संबंधित समस्याएं आज के समय में काफी कॉमन हैं लेकिन दुनिया भर में एक और समस्या काफी अधिक सामने आ रही है और वो है कि लड़कियों के चेहरे पर हल्की दाढ़ी या मूंछें आ रही हैं जिन्हें फेशिअल हेयर बोलते हैं. डॉक्टर्स के पास भी कई लड़कियों इसके ट्रीटमेंट के लिए पहुंच रही हैं क्योंकि अक्सर एक कॉमन कारण लोगों को पता है कि हार्मोन इम्बैलेंस के कारण ऐसा होता है. लेकिन इसके पीछे सिर्फ हॉर्मोनल बदलाव नहीं, बल्कि बदलती लाइफस्टाइल और फास्ट फूड का अधिक सेवन भी एक कारण है.

Advertisement

फास्ट फूड और हार्मोनल असंतुलन का कनेक्शन

रूसी वेबसाइट इजवेस्टिया के मुताबिक, फास्ट फूड जैसे बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, और मिठाई में चीनी, नमक और ट्रांस फैट काफी अधिक मात्रा में होता है जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा देता है. इस तरह इंसुलिन शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ देता है और महिलाओं में पुरुष हार्मोन का लेवल बढ़ा देता है. इस काराण लड़कियों के चेहरे पर बाल बढ़ने लगते हैं. हालांकि ये फास्ट फूड सीधे बाल उगाने का कारण नहीं बल्कि वजन और हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देते हैं जिस कारण बाल आ जाते हैं. ये बाल चेहरे, ठोड़ी या भौंहों के आसपास आते हैं जिन्हें मेडिकल भाषा में हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहते हैं.

कब बढ़ और अधिक बढ़ सकती है ये समस्या

रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों को जब पीरियड्स आना शुरू होते हैं, उस समय उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं. यदि लड़कियां उस समय फास्ट फूड, जंक फूड, फ्राइड चीजें खाती हैं तो बाल आने का जोखिम अधिक बढ़ सकता है. इसके साथ ही मोटापा बढ़ने, इंसुलिन रेसिस्टेंस और अनियमित भोजन भी हिर्सुटिज्म को बढ़ावा देता है.

Advertisement

लड़कियां जब इन अनचाहे बालों को लेकर चिंतित हो जाती हैं तो वे बालों को हटाने के लिए कई बार शेव कर लेती हैं जिससे उनकी ये समस्या और अधिक बढ़ सकती है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के घरेलू उपचार न करें.

ये भी हो सकता है कारण

रिप्रोडक्टिव हेल्थ की WHO एक्सपर्ट, सिनर्जी यूनिलर्सिटी के मेडिकल डिपार्टमेंट में सीनियर लेक्चरर और स्त्री रोग विशेषज्ञ ल्यूबोव येरोफेयेवा (Lyubov Yerofeyeva) का कहना है, 'लड़कियों में जब भी मोटापा बढ़ता है तो अधिकतर बार उनका एस्ट्रोजन हार्मोन भी बढ़ जाता है.' हालांकि, कभी-कभी महिलाओं में हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रिनल सिस्टम की खराबी के कारण, एड्रिनल ग्रंथियों द्वारा बनाए गए फ्री टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी बढ़ जाता है. आमतौर पर सेक्सुअल डिजाइयर, बालों के सामान्य विकास और अन्य प्रोसेस को कंट्रोल करने के लिए फ्री टेस्टोस्टेरोन आवश्यक होता है. और इसके बढ़ने से बाल आ जाते हैं.

इलाज और ट्रीटमेंट

इस समस्या का समाधान हार्मोनल इम्बैलेंस की जांच और सही ट्रीटमेंस से संभव है. इसके साथ ही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव भी इसका प्राइमरी ट्रीटमेंट है. डॉक्टर्स द्वारा प्रिस्क्राइव की गई दवाएं, वजन कंट्रोल और हेल्दी लाइफस्टाइल से इस प्रोसेस को आसानी से सुधारा जा सकता है. एक्सपर्ट की सलाह से लेजर ट्रीटमेंट भी इसका इलाज हो सकता है लेकिन कोई भी देसी नुस्खा ना अपनाएं और डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

Advertisement

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement