Exercise During Period: पीरियड्स में वर्कआउट करना सही या गलत? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पीरियड्स और एक्सरसाइज: माहवारी के समय कई लड़िकयों और महिलाओं को असहनीय दर्द और हार्मोनल बदलाव जैसी परिस्थितियों का सामना करना पढ़ता है. जिस कारण गुस्सा आना, मूड स्विंग होना काफी आम बात है. लेकिन जब एक्सरसाइज की बात आती है, तो अधिकतर लड़कियां ये सोचती हैं कि पीरियड्स में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. लेकिन इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है, यह भी जान लीजिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST
  • पीरियड्स प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है
  • इस दौरान महिलाओं में कई बदलाव देखने मिलते हैं
  • पीरियड्स में एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं?

पीरियड्स यानी माहवारी (Period) एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है. सामान्यत: 12 साल की उम्र से लड़कियों को पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं, जो कि लगभग 45-55 साल तक मेनोपॉज (Menopause) आने तक चलते हैं. इस दौरान लड़कियों या महिलाओं में काफी हार्मोनल और शारीरिक बदलाव (Hormonal and physical changes) होते हैं, जिनके कारण मूड स्विंग, गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन और इमोशनल होना आम बात है.

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इनके अलावा कुछ महिलाओं को इस दौरान असहनीय दर्द होता है, लेकिन कुछ को सामान्य रहता है. जिन लड़कियों को दर्द नहीं होता, वे अपने सारे काम आम दिनों की तरह ही करती हैं, सिवाए एक्सरसाइज करने के. अधिकतर लड़कियां इन मुश्किल दिनों में एक्सरसाइज करना छोड़ देती हैं, क्योंकि उन्होंने सुन रखा होता है कि उन दिनों में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए. लेकिन इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे. 

पीरियड्स में एक्सरसाइज करें या नहीं ?

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'पीरियड्स में एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए' एक्सपर्ट के मुताबिक, यह सिर्फ एक मिथक है, जो काफी पहले से चला आ रहा है. पीरियड्स में एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है, लेकिन यह महिलाओं के बॉडी टाइप पर भी निर्भर करता है. अगर किसी को अधिक क्रैम्प (ऐंठन) या दर्द है, तो वह पीरियड्स के शुरुआती 1-2 दिन एक्सरसाइज न करें, उसके बाद आराम मिलने पर एक्सरसाइज कर सकती हैं.  

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डॉ. क्रिस्टोफर हॉलिग्सवर्थ (Dr. Christopher Holligsworth) के मुताबिक, पीरियड्स का समय हार्मोनल बदलाव की दृष्टि से काफी मुश्किल समय होता है. इस दौरान शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों का लेवल कम हो जाता है, जिसके कारण शरीर में अधिक थकान रहती है. लेकिन अगर किसी को थकान और कमजोरी नहीं होती है, तो वह हल्की एक्सरसाइज कर सकता है. 

पीरियड्स के दौरान अक्सर मूड चिढ़चिढ़ा बना रहता है, अगर कोई उस दौरान एक्सरसाइज करता है, तो उसका मूड भी सही रहता है और उन दिनों रहने वाली कुछ कॉमन प्रॉब्लम भी दूर हो सकती हैं. एक्सपर्ट इन मुश्किल दिनों में एक्सरसाइज करने के निम्न फायदे बताते हैं. 

1. PMS के लक्षणों को कम करे

पीरियड्स शुरू होने के पहले कुछ दिनों में कुछ लक्षण समझ आते हैं, जिनमें थकान, चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा आदि होते हैं. उन्हें प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहते हैं. एक्सरसाइज करने से इन लक्षणों को कम किया जा सकता है. इन लक्षणों को कम करने के लिए हल्की एरोबिक एक्सरसाइज करें. 

2. दर्द कम करे और मूड सुधारे

एक्सरसाइज करने से शरीर में नेचुरल एंडोर्फिन हार्मोन बढ़ता है, जो मूड को अच्छा करता है और उस दौरान होने वाले PMS के लक्षणों को कम कर सकता है. एंडोर्फिन एक प्राकृतिक दर्द निवारक है, जो एक्सरसाइज करने के दौरान बॉडी में रिलीज होता है. पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज करने से यह हार्मोन रिलीज होता है और दर्द में आराम देता है.

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3. ताकत बढ़ाए

एक रिसर्च के मुताबिक, मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले के 2 हफ्ते (जिस दिन पीरियड हुए उसे पहला दिन मानें) हार्मोंस का लेवल कम होने के कारण ताकत में कमी देखी जाती है. अगर कोई उन दिनों में भी एक्सरसाइज करती हैं, तो वे अपने आपको ताकतवर महसूस करेंगी.

4. मूड को बेहतर बनाए

एक्सरसाइज करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है, जो कि सीधे दिमाग को टारगेट करता है. इससे दिमाग सही रहता है और आप खुश महसूस करने लगती हैं. 

5. दर्दनाक पीरियड्स से छुटकारा दिलाए  

कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी दर्द होता है. अगर कोई लगातार एक्सरसाइज करता है, तो उसे इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है. वॉक करना, तेजी से चलना, कुछ हल्की एक्सरसाइज करने से भी इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है.

पीरियड्स में कौन सी एक्सरसाइज करना है बेहतर

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एक्सपर्ट कहते हैं कि पीरियड्स के दौरान हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिसमें कम और मीडियम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज आती हैं. योग, तेज चलना, साइकिलिंग, स्विमिंग, डांस भी कर सकते हैं, लेकिन इनकी अवधि 30 मिनट ही रखें. इसके अलावा ऐसी एक्सरसाइज न करें जिसमें आपके पैर पेट के ऊपर जाते हों, यानी पैर और चेस्ट के बीच 90 डिग्री का एंगल नहीं होना चाहिए. क्रंचेस, सिट अप जैसी एक्सरसाइज करने से बचें.

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