सफेद या ब्राउन चावल.. डायबिटीज के मरीजों के लिए कौन-सा बेहतर? किससे बढ़ सकता है खतरा

दुनियाभर में डायबिटीज एक गंभीर बीमारी बन गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. डायबिटीज के मरीजों को कई खाने-पीने की चीजों से दूरी बनानी पड़ती है. चावल खाने को लेकर वो काफी उलझन में रहते हैं, लेकिन इस आर्टिकल में जानिए कि शुगर के मरीजों को सफेद या ब्राउन कौन-सा चावल अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.

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हाई शुगर वाले लोगों को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए. (Photo: ITG) हाई शुगर वाले लोगों को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए. (Photo: ITG)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

World Diabetes Day 2025: हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है ताकि लोगों में शुगर जैसी बढ़ती बीमारियों के प्रति जागरgकता फैलाई जा सके. भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका एक बड़ा कारण है गलत खानपान और लाइफस्टाइल. खासतौर पर रोजाना के खाने में इस्तेमाल होने वाले चावल पर भी ध्यान देना जरूरी है.

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आमतौर पर भारतीय घरों में सफेद चावल खाया और बनाया जाता है, जिसे शुगर के मरीजों को खाने से मना किया जाता है. ऐसा क्यों है और किस चावल को डायबिटीज वाले लोग खा सकते हैं, इसे लेकर कई बार लोगों के बीच गलतफहमी होती है. ऐसे में आज हम आपकी यह उलझन सुलझाने जा रहे हैं. 

सफेद चावल से करें परहेज

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सफेद चावल यानी पॉलिश्ड राइस में फाइबर और न्यूट्रिएंट्स बहुत कम होते हैं. इसे तैयार करते समय इसका बाहरी छिलका (ब्रान) निकाल दिया जाता है, जिससे इसमें सिर्फ स्टार्च बचता है. 

डायबिटीज के मरीजों के लिए क्यों है खराब

  • इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा होता है.
  • यह जल्दी डाइजेस्ट होता  है और ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है.
  • लंबे समय तक सफेद चावल खाने से इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ सकता है.

 ब्राउन राइस क्यों है बेहतर?

ब्राउन राइस यानी बिना पॉलिश किया गया चावल अपने ब्रान और जर्म लेयर को बनाए रखता है, जिसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं. इस वजह से इसे खाने से डायबिटीज मरीजों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, इसलिए इन्हें उनके लिए बेहतर ऑप्शन माना जाता है. 

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डायबिटीज के मरीजों के लिए क्यों है सही

  • इसका GI सफेद चावल से कम होता है.
  • यह धीरे-धीरे डाइजेस्ट होता है, जिससे ब्लड शुगर स्थिर रहता है.
  • इसमें मौजूद मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स शुगर कंट्रोल में मदद करते हैं.

 कितना और कैसे खाएं?

एक्सपर्ट्स के अनुसार,  डायबिटीज के मरीज चाहें तो ब्राउन राइस को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए. 

  • एक समय में आधा कप पका हुआ ब्राउन राइस काफी है.
  • इसके साथ फाइबर से भरपूर सब्जियां, दाल या सलाद जरूर खाएं ताकि शुगर धीरे रिलीज हो. 
  • कभी-कभी मिलेट्स (जैसे बाजरा, जौ, या कोदो) को भी चावल की जगह आप अपनी डाइट में शुमार कर सकते हैं. 

 यह गलतियां न करें 

  • सिर्फ ब्राउन राइस पर निर्भर न रहें, बल्कि अपनी डाइट में वैरायटी रखें. 
  • चावल को फ्राई या ज्यादा तेल-घी में पकाने से बचें.
  • रात में भारी मात्रा में चावल खाने से शुगर लेवल बढ़ सकता है, इसलिए रात को चावल से परहेज करें या फिर कम मात्रा में ही खाएं. 
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