सरकारी परिसर में कार्यक्रम के लिए नहीं लेनी होगी अनुमति, HC ने लगाई कर्नाटक सरकार के आदेश पर रोक

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट संस्थाओं के लिए सरकारी परिसर में किसी आयोजन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा. राज्य सरकार के कदम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को टार्गेट करने वाला बताया जा रहा था. इस आदेश पर अब हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है.

Advertisement
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

सगाय राज

  • बेंगलुरु,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

कर्नाटक सरकार ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में कहा गया था कि किसी भी सरकारी परिसर में कोई कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्राइवेट संगठनों को अब अनुमति लेनी होगी. यह अनिवार्य होगा. कर्नाटक सरकार के इस आदेश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों को टार्गेट करने वाला कदम बताया जा रहा था.

इस मामले में अब कर्नाटक सरकार को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने राज्य सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है. कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है.

Advertisement

जस्टिस नागप्रसन्ना की बेंच ने यह अंतरिम आदेश पुनश्चैतन्य सेवा संस्था की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. याचिकाकर्ता संगठन ने कर्नाटक सरकार के आदेश को प्राइवेट संगठनों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था. कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने इस मामले में राज्य सरकार से भी जवाब तलब किया है.

यह भी पढ़ें: कर्नाटक: दीपोत्सव कार्यक्रम में 'हेट स्पीच' के आरोप में आरएसएस नेता के खिलाफ केस दर्ज

कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक यह आदेश प्रभावी नहीं होगा. गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार का एक पत्र सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि कई निजी संस्थाएं सार्वजनिक स्थलों, सरकारी संपत्तियों जैसे खेल मैदान, सड़कों का उपयोग अपनी गतिविधियों के लिए सरकार या संबंधित विभाग की अनुमति लिए बिना, पूर्व सूचना दिए बिना कर रहे हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: कर्नाटक: चित्तपुर में RSS और भीम आर्मी के मार्च को अनुमति नहीं, प्रशासन ने कहा- बिगड़ सकती है कानून-व्यवस्था

इस पत्र में ऐसे कार्यों को अतिक्रमण बताते हुए कहा गया था कि यह सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर खतरा हैं. बता दें कि कर्नाटक सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए कहा था कि किसी खास संगठन को टार्गेट करके यह फैसला नहीं किया गया है. उन्होंने कहा था कि सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल सिर्फ अनुमति से और सही मकसद के लिए किया जाएगा. एचके पाटिल ने उल्लंघन की स्थिति में नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement