PAK मुर्दाबाद के नारों के बीच शहीद नितिन यादव का हुआ अंतिम संस्कार

पकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के बीच हुआ बारामूला हमले के शहीद नितिन यादव का अंतिम संस्कार हुआ. पिता ने कहा- बेटे ने जान देकर साथियों की जान बचाई अब साथी ही उसकी मौत का बदला लें.

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इटावा में हुआ शहीद नितिन यादव का अंतिम संस्कार इटावा में हुआ शहीद नितिन यादव का अंतिम संस्कार

कुमार अभिषेक

  • इटावा,
  • 04 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

पकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के बीच हुआ बारामूला हमले के शहीद नितिन यादव का अंतिम संस्कार हुआ. पिता ने कहा- बेटे ने जान देकर साथियों की जान बचाई अब साथी ही उसकी मौत का बदला लें.

बारामूला हमले में शहीद हुए 24 साल के नितिन यादव को उनके ही गांव नागलाबारी में मुखाग्नि दी गई, इस मौके पर लोगो ने जमकर पकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाये. जैसे ही नितिन यादव का शव आखिरी यात्रा के लिए निकला, इलाके के नवजवानों में उसे कंधा देने की होड़ लग गई.

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नितिन का पार्थिव शरीर लेकर जाते लोग लगातार पकिस्तान मुर्दाबाद और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते रहे, करीब 10 बजे नितिन यादव को उसके बड़े भाई सचिन ने मुखाग्नि दी. गांव के ही किनारे नितिन का दाह संस्कार हुआ जिसमें शामिल हुए हजारों लोगों ने नम आँखों से उसे आखिर विदाई दी. नितिन की शवयात्रा में सैकड़ों महिलाएं भी शामिल हुईं और दाह संस्कार तक डटी रही.

इस गांव में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा साफ़ दिखाई दे रहा था, पिता बनबीर सिंह ने कहा बेटे ने तो अपना फ़र्ज़ निभा दिया अब उन साथियों को भी मेरे बेटे की मौत का बदला लेना चाहिए. पिता बनबीर यादव के आंसू रुक नहीं रहे थे, दाह संस्कार के वक्त लगातार बेटे नितिन को लल्ला-लल्ला पुकारते रहे.

पिता ने कहा- बेटा नितिन की शादी तय होनेवाली थी लेकिन बेटा बस एक बात पर अड़ा था कि शादी सिर्फ उसी लड़की से जो गांव में माँ-पिता की सेवा कर सके, अगर ऐसी नहीं मिले तो शादी न तय करना. बहरहाल परिवार में मातम है लेकिन पिता को इस बात का गर्व जरूर है कि जाते-जाते बेटा नाम रोशन कर गया.

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