अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर मचा बवाल अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि एक और जमीन सौदा सामने आया है. जिस जगह पर अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट ने दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में खरीदा था, उसी जगह पर 10 दिन पहले खरीदी गई जमीन की कीमत एक करोड़, 90 लाख हो गई. इसमें पहले वाले जमीन सौदे से एक कनेक्शन भी है. दरअसल, 7 जून को हुई जमीन की इस रजिस्ट्री में वही रवि मोहन तिवारी गवाह है, जिसने राम मंदिर ट्रस्ट को दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में बेची थी.
राम मंदिर ट्रस्ट ने इस साल 18 मार्च को सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नाम के व्यक्तियों से 12,080 वर्ग मीटर की जमीन 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी. इस जमीन की वैल्यू 5 करोड़ 80 लाख रुपये आंकी गई थी. सपा नेता ने इस डील से पर्दा उठाया था, जिसके बाद आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसे घोटाला करार दिया. पूरे मामले में बवाल मचने के बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने दलील दी थी कि यह पुराने एग्रीमेंट के आधार पर मौजूदा बाजार मूल्य से भी कम दामों में यह डील हुई है.
इस महीने, 7 जून को अयोध्या के इसी गांव बिजेसी बाग, परगना हवेली अवध में एक जमीन का सौदा महेंद्र नाथ मिश्रा और दीप नारायण के बीच हुआ. 3,040 वर्ग मीटर की जमीन एक करोड़ 90 लाख रुपए में खरीदी गई, जिसका बाजार मूल्य भी एक करोड़ 90 लाख ही था. यानी हाल ही में सात जून को हुआ जमीन का यह सौदा सर्किल रेट पर ही हुआ.
7 जून को हुए इस सौदे के हिसाब से मानें तो 3,040 वर्ग मीटर की यह जमीन 6250 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से खरीदी गई. जबकि 4 महीने पहले 18 मार्च, 2021 को ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई 12,080 वर्ग मीटर की यह जमीन 15,314 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से खरीदी गई थी.
इस मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि जो जमीन किसी को सर्किल रेट पर मिल रही है, वहीं जमीन ट्रस्ट ने चार गुना अधिक दाम पर खरीदी. उन्होंने कहा कि यही बता रहा है कि घोटाला बड़े पैमाने पर हुआ है और राम भक्तों के साथ ट्रस्ट के लोगों ने धोखा किया है.
संतोष शर्मा