उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी अपनी एक नई सेना के साथ सामने आ रही है. हाथों में स्मार्ट फोन के साथ शनिवार को लखनऊ में पांच हजार से ज्यादा सोशल मीडिया की बीजेपी की फौज जुटेगी. ये वो फौज है जो पहले से ही फेसबुक, ट्विटर पर बीजेपी के लिए काम करती रही है लेकिन अब बकायदा पार्टी से जुड़कर उनकी वर्चुअल टीम का हिस्सा बन रही है. जिन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह वैचारिक खुराक देंगे.
हर विधानसभा से 5 लोग होंगे शामिल
पहली बार यूपी बीजेपी अपनी आईटी सेल का इतने बड़े लेवल पर वर्कशॉप आयोजित करने जा रही है. जिसमें इतनी बड़ी तादात में उनके सोशल मीडिया के नए रंगरुट एक साथ एक वर्कशॉप में हिस्सा लेंगे. हर
विधानसभा से 5 लोगों को चुना गया है जिनकी तादात करीब दो हजार होगी. जबकि हर मंडल, क्षेत्र और जिले से चुने गए लोगों की तादात मिलकर ये संख्या 5 हजार होगी. जो आने वाले चुनाव में वर्चुअल सेना के तौर
पर काम करेगी.
निर्मला सीतारमन पीएम मोदी के कामों से कराएंगी रुबरु
इस कार्यशाला को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहले सेशन में कार्यकर्ताओं का परिचय, उनकी समझ और उनके विचार जाने जाएंगे. दूसरे सेशन में निर्मला सीतारमन आईटी और सोशल मीडिया की इस फौज को केन्द्र
सरकार की योजनाओं की बारीक समझदारी से रुबरु कराएंगी ताकि पीएम मोदी के किए कामों का संदेश सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे. ये नई फौज मोदी की वर्चुअल सेना के तौर पर काम
करे.
आखिरी सेशन मे अमित शाह होंगे मौजूद
ये पूरा वर्कशॉप यूपी में पार्टी के सह-प्रभारी सुनील बंसल की देखरेख में हो रहा है. जिसमें आखिरी सेशन में अमित शाह इस टीम को पार्टी और विचारों की आखिरी खुराक देगें. दरअसल एक दिन के सोशल मीडिया और
आईटी टीम की इस कार्यशाला के जरिए बीजेपी उन लोगों को चुनावी हथियार से लैस करने में जुटी है जो अपने-अपने विधानसभा में मौजूद हर हाथ के मोबाइल तक अपनी पहुंच बनाएंगे.
5 हजार से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्र मोहन ने कहा कि हमारी उम्मीद से ज्यादा सदस्य बनकर तैयार हैं. हमारी उम्मीद तो थी कि कुल दो से तीन हजार लोग इस टीम का हिस्सा बनेंगे लेकिन सद्स्यों की तादात 7 हजार के
आंकड़ें को पार गई. हम उम्मीद करते है कि आने वालों की संख्या 5 हजार को पार कर जाएगी.
बीजेपी देगी चुनावी टिप्स
बीजेपी के सोशल मीडिया और आईटी के चुनावी कार्यशाला में उन्हें ये बता दिया जाएगा कि वो मुद्दे क्या होंगे जिसे लेकर उन्हें घर-घर जाना है. चुनाव में लोगों की नब्ज कैसे टटोलनी है, चुनाव में वोटरों तक और कैसे
पहुंच बनानी है. चुनावों में विरोधियों को जवाब कैसे देना है.
एक तरफ कांग्रेस पीके की आईटी और सोशल मीडिया की टीम के साथ अपनी रणनीति बनाने में जुटी है जो सिर्फ प्रोफेशनल्स हैं. वहीं बीजेपी उन लोगों को चुन कर सामने ला रही है जो वैचारिक रूप से बीजेपी के लिए काम करते रहे हैं. देखना है कि सोशल मीडिया की जंग आने वाले वक्त में कितनी रोचक होती है.
कुमार अभिषेक