जादवपुर यूनिवर्सिटी में गर्वनर को छात्रों ने घेरा, लगाए गो-बैक के नारे

छात्रों ने राज्यपाल धनखड़ को घेर लिया और काले झंडे दिखाए. छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन में राज्यपाल धनखड़ अपनी कार में कुछ देर फंसे रह गए.

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बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (PTI) बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

  • कार में कुछ देर फंसे रह गए राज्यपाल
  • बाद में सुरक्षा गार्डों ने उन्हें निकाला

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ सोमवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस दौरान छात्रों ने राज्यपाल धनखड़ को घेर लिया और काले झंडे दिखाए. छात्रों ने नारा लगाया, 'बीजेपी कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ गो बैक'. छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्यपाल धनखड़ अपनी कार में कुछ देर फंसे रह गए.

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राज्यपाल धनखड़ जादवपुर यूनिवर्सिटी में चांसलर के तौर पर बैठक में हिस्सा लेने गए थे लेकिन छात्रों ने इसका बहिष्कार किया. छात्रों ने अचानक राज्यपाल की कार घेर ली और नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान राज्यपाल तकरीबन 45 मिनट अपनी कार में ही बंद रहे. बाद में सुरक्षा गार्ड उन्हें निकाल कर बाहर ले गए.

धनखड़ ने एक ट्वीट में लिखा था, सोमवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी के 9वें कोर्ट की 10वीं बैठक होनी है. मैं चांसलर के तौर पर इसकी अध्यक्षता करूंगा. 23 दिसंबर दिन सोमवार को 2 बजे दिन में यूनिवर्सिटी के कमेटी रूम नंबर 1 में बैठक होगी. सोमवार को अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल यूनिवर्सिटी पहुंचे लेकिन उनके खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. लिहाजा बैठक में अच्छी खासी दखल पड़ गई.

सचिवालय में नहीं मिला प्रवेश

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अभी हाल में धनखड़ बंगाल सचिवालय पहुंचे थे लेकिन वे अंदर नहीं जा सके क्योंकि मेन गेट पर ताला जड़ा था. विधानसभा स्पीकर ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को विधानसभा में लंच पर बुलाया था लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया. इसके साथ ही दो दिन के लिए विधानसभा को बंद कर दिया गया. इसके बावजूद गवर्नर जगदीप धनखड़ विधानसभा पहुंच गए. मेन गेट बंद होने कारण उन्होंने गेट नंबर दो से सदन में प्रवेश किया.

गवर्नर जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर विधानसभा में जाने नहीं दिया गया. वे विधानसभा इमारत का चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी ने उन्हें यह बताने की जहमत नहीं उठाई कि वह कैसे अंदर आ सकते हैं. इससे राज्यपाल नाराज हो गए और वहीं गेट पर सांकेतिक धरना देते रहे. हालांकि बाद में वह दूसरे गेट से अंदर गए.

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