तीन AN-32 विमान हादसों में 49 जवान शहीद, पर वायुसेना प्रमुख बोले- जारी रहेगी उड़ान, अभी विकल्प नहीं

भारतीय वायुसेना के इतिहास में अब तक तीन एएन-32 विमान हादसाग्रस्त हो चुके हैं. इनमें कुल 49 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं. दो विमानों का तो आजतक पता नहीं चला. लेकिन भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि इस विमान का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.

Advertisement
विमान एएन-32 (फाइल फोटो-PTI) विमान एएन-32 (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in / ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2019,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

भारतीय वायुसेना के इतिहास में अब तक तीन एएन-32 विमान हादसाग्रस्त हो चुके हैं. इनमें कुल 49 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. दो विमानों का तो आजतक पता नहीं चला. लेकिन भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि इस विमान का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. धनोआ ने कहा कि हमलोग अधिक उन्नत विमान हासिल करने की प्रक्रिया में हैं, जिनके मिलते ही एएन-32 को हटाकर उन्नत विमानों को महत्वपूर्ण भूमिका में लगाएंगे. एएन-32 विमानों का इस्तेमाल इसके बाद परिवहन और प्रशिक्षण उद्देश्य से किया जाएगा.

Advertisement

अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में स्थित घने जंगलों में इस महीने एक एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार सभी 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी. इससे पहले, जुलाई 2016 में भी भारतीय वायुसेना का एक AN-32 विमान 29 लोगों के साथ बंगाल की खाड़ी से लापता हो गया था. भारतीय वायुसेना ने इस विमान के लापता होने के बाद लगभग एक महीने लंबा सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन इसके बाद भी विमान के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया था.ये विमान पहली बार 25 मार्च 1986 को हिंद महासागर के ऊपर गायब हुआ था. तब ये विमान सोवियत यूनियन की तरफ से ओमान के रास्ते होते हुए भारत आ रहा था. इसमें कुल सात लोग सवार थे, लेकिन इस विमान का आजतक कुछ पता नहीं लग पाया.

Advertisement

3 जून 2019 को गायब हुआ था एएन-32 विमान

विमान ने असम के जोरहाट से 3 जून को अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान के 35 मिनट के भीतर जमीनी एजेंसियों से विमान का संपर्क टूट गया.13 जून को भारतीय वायुसेना ने कहा था कि एएन-32 विमान के सभी 13 सवार मारे गए हैं. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं.

फिर वायुसेना ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त एएन-32 विमान का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) भी बरामद हो चुका है. भारतीय वायुसेना ने मृतकों की पहचान विंग कमांडर जी.एम. चार्ल्स, स्क्वॉड्रन लीडर एच. विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर. थापा, ए. तंवर, एस. मोहंती, एम. के. गर्ग, वारेंट ऑफिसर के. के. मिश्रा, सार्जेट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरिन, लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन एस.के. सिंह व पंकज, नॉन कॉम्बेटेंट (इनरोल) पुताली और राजेश कुमार के रूप में की है.

लापता मालवाहक एएन-32 विमान का मलबा लिपो से 16 किमी उत्तर में और समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर था. मलबे का पता एमआई-17 हेलीकॉप्टर से आठ दिनों बाद एक तलाशी अभियान के बाद चला. इस विमान के तलाशी अभियान में मौसम किसी विलेन से कम नहीं था. कई बार खराब मौसम के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया. बचाव कार्य में चीता और एएलएच हेलिकॉप्टर्स मौजूद थे. वहीं इसरो ने भी अपने RISAT सैटेलाइट यानी राडार इमेजिंग सैटेलाइट को भी मदद के लिए अभियान में शामिल किया था. बता दें, रूस में निर्मित एएन-32 विमान एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जो कठिन परिस्थितियों में अपनी बेहतरीन उड़ान भरने की क्षमता के लिए जाना जाता है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement