तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. सरकार पर जल्द से जल्द पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का दवाब है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह समीक्षा बैठ कर अर्थव्यवस्था की सेहत का जायजा लेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में रुपये की गिरावट और तेल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की जाएगी.
चर्चा यह भी है कि रुपये को मजबूत करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है. डॉलकर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा है और सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. बैठक से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शनिवार को होने वाली बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देवराय और वित्त सचिव हसमुख अधिया हिस्सा लेंगे.
बैठक के बार में विस्तृत जानकारी फिलहाल नहीं आई है. लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें वृहद आर्थिक संकेतकों, सरकार के वित्त की हालत और प्रमुख वित्तीय कामकाज से लेकर केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रहीं विकास योजनाओं की समीक्षा की जाएगी.
बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि रुपया 72.91 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छू चुका है. साल 2018 की शुरुआत से रुपया 12.3 प्रतिशत टूट चुका है. बुधवार को रुपया 72.91 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर जाने के बाद अंत में 51 पैसे की बढ़त के साथ 72.18 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. इस के खिलाफ बीते 10 सितंबर को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने भारत बंद भी बुलाया था. सरकार के मंत्री पहले ही यह कह चुके हैं कि तेल की कीमतों को कम करना सरकार के हाथ में नहीं है. साथ ही वित्त मंत्री जेटली ने पिछले दिनों रुपये की गिरवाट के लिए वैश्विक कारणों को जिम्मेदार ठहराया था.
अनुग्रह मिश्र