क्या ईसा मसीह से बड़े हैं अटल बिहारी वाजपेयी? 'सुशासन दिवस' पर बेंगलुरु के पादरी का सवाल

बेंगलुरु के मुख्य पादरी डॉ. बर्नाड मोरस ने केंद्र सरकार द्वारा 25 दिसंबर को गुड गर्वनेंस डे के रूप मनाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है. मोरस ने केंद्र सरकार की मंशा सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या अटल बिहारी वाजपेयी, जीसस से बड़े हैं?

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Atal Bihari Vajpayee Atal Bihari Vajpayee

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:10 AM IST

क्रिसमस पर केंद्रीय विद्यालयों को खोले रखने या बंद रखने के सवाल पर हुए विवाद के बाद सीबीएसई ने छुट्टी की घोषणा कर भले ही मामले को शांत करने की कोशिश की हो. लेकिन ये मसला शांत होता दिख नहीं रहा.

बेंगलुरु के मुख्य पादरी डॉ. बर्नाड मोरस ने केंद्र सरकार द्वारा 25 दिसंबर को गुड गर्वनेंस डे के रूप मनाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है. मोरस ने केंद्र सरकार की मंशा सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या अटल बिहारी वाजपेयी, ईसा मसीह से बड़े हैं?

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गौरतलब है कि इससे पहले बेंगलुरु के मुख्य पादरी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया था. अपने पत्र में मोरस ने कहा था कि 25 दिसबंर को गुड गर्वनेंस डे के रूप में मनाया जाना ठीक नहीं है.

क्रिसमस पर मंत्रियों के लिए छुट्टी नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिसमस के दिन अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे . प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंत्रियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि इस दिन को गुड गवर्नेंस डे रूप में देखा जाए. हालांकि कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने के कारण मंत्री अभी इस उलझन में हैं कि उन्हें करना क्या है.

गौरतलब है कि इससे पहले खबरें आई थी कि मानव संसाधन मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विद्यालयों को निर्देश जारी कर क्रिसमस के मौके पर स्कूलों को खुला रखने को कहा है. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध की आवाजें उठने लगी.

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बाद में स्पष्टीकरण देते हुए केंद्र सरकार ने साफ किया कि क्रिसमस के मौके पर स्कूलों को खुला रखने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. 25 दिसंबर को गुड गर्वनेंस डे के रूप मनाए को लेकर सिर्फ एक ऑनलाइन एग्जाम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें छात्र अपनी इच्छा के मुताबिक भाग ले सकते हैं.

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