राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राजस्थान में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को बुधवार से ही जयपुर के रिजॉर्ट में ठहराया है. उन्हें डर है कि उनके विधायक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में न आ जाएं. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गुरुवार शाम को अपने समर्थक विधायकों से मिलने होटल पहुंचे और कुछ देर बाद विधायकों के साथ मीटिंग से पहले ही निकल गए. पायलट ने कहा कि माहौल खराब करने की कोशिश जो भी कर रहा है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो कामयाब नहीं होगा. मीटिंग गुरुवार रात को होनी थी लेकिन इसे शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया. बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संगठन सचिव केसी वेणुगोपाल के साथ होटल पहुंचे और खाना खाने के बाद विधायकों से बातचीत की.
अपडेट्स
-केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर पलटवार किया है. शेखावत ने कहा कि सीएम बताएं कौन है कमजोर कड़ी और किस-किस को ऑफर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री नाम सार्वजनिक करें, इससे जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर पता करें कि किसने ऑफर दिया है. राजस्थान सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए इस तरह के प्रयास कर रही है.
-कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी जयपुर में शिव विलास रिजॉर्ट पहुंचे.
-राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के 2 विधायकों को लेकर अपने साथ रिजॉर्ट पहुंचे हैं. राजकुमार राऊत और रामप्रसाद भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक हैं. मुख्यमंत्री इन दोनों को लेकर रिजॉर्ट आए हैं.
-कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि अब कांग्रेस की मीटिंग शुक्रवार को होगी. कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के पहुंचने में देरी हो रही है.
-अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की घोषणा होते ही गुजरात में 4 विधायकों के इस्तीफे की घोषणा हो गई. मैं राजस्थान में कोई भी षड्यंत्र कामयाब नहीं होने दूंगा. सरकार का मुखिया होने के नाते जिम्मेदारी मेरी है. गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में सियासी दांव-पेच शुरू हुए. ऐसी स्थिति में अपने लोगों को सावधान करना गलत नहीं है. इस षड्यंत्र में केंद्र और राज्य के भी लोग शामिल हैं. अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें आला कमान को भी जवाब देना है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है.
-विधायकों से मिलने के बाद सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आने से पहले ही अपने समर्थक विधायकों के साथ रिजॉर्ट से मीटिंग से पहले ही निकल गए. पायलट ने कहा कि माहौल खराब करने की कोशिश जो भी कर रहा है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो कामयाब नहीं होगा.
इससे पहले खबर यह भी आई कि बीजेपी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी निर्दलीय विधायक भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जा सकते हैं. इनमें से कई निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं. बीजेपी के बागी नेता और निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला ने कहा कि हम अशोक गहलोत के साथ हैं. वसुंधरा राजे के करीबी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वक्त के साथ फैसले लेने पड़ते हैं. हालांकि ओमप्रकाश हुडला ने उन्हें पैसे ऑफर किए जाने की खबरों से इनकार किया.
राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होगा, जहां कांग्रेस ने दो उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने भी दो उम्मीदवार- राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है. कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और उसे आरएलडी के एक विधायक और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
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गहलोत का आरोप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि उनके और निर्दलीय विधायकों को पैसे का लालच दिया जा रहा है, इसलिए सभी विधायकों को जयपुर के शिव विलास रिजॉर्ट में रखा गया है. जयपुर में स्थित शिव विलास रिजॉर्ट में सादी वर्दी में 50 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात हैं. इन सभी जवानों से आजतक ने बातचीत की. पुलिसकर्मियों ने कहा कि उच्च अधिकारियों ने हमें कहा है कि सादी वर्दी में यहां पर तैनात रहो और आने-जाने वाले पर ध्यान रखो और साथ ही विधायकों पर नजर रखो.
बीजेपी का जवाब
बीजेपी ने उलटा आरोप सत्तारूढ़ पार्टी पर ही मढ़ा है और कहा है कि गहलोत सरकार खुद में असुरक्षित है और कांग्रेस पार्टी को खुद अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी अब विधायकों को घेर कर रख रही है. इसका संकेत मुख्यमंत्री के बयान में मिला जिसमें उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर काफी चिंतित हैं. आज इस आशंका का सबूत मिल गया. पूनिया ने कहा, सरकार अगर सुरक्षित है, कोई अंदरूनी कलह नहीं है या कोई खतरा नहीं है तो वे इतने दिनों तक विधायकों को क्यों रख रहे हैं.
शरत कुमार