राजस्थान: घंटों लाइट रहती है गुल, मोबाइल टॉर्च के सहारे छात्र कर रहे 10वीं और 12वीं बोर्ड की तैयारी

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में बिजली घंटों गुल रहती है. जिसके चलते छात्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए मोबाइल टॉर्च की रोशनी की मदद से पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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मोबाइल टॉर्च की रोशनी में बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते छात्र (फोटो- आजतक) मोबाइल टॉर्च की रोशनी में बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते छात्र (फोटो- आजतक)

सुरेश फौजदार

  • भरतपुर ,
  • 10 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST
  • ग्रामीण इलाकों में घंटों लाइट रहती है गुल
  • मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पढ़ने के लिए मजबूर छात्र

राजस्थान में इन दिनों 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं. लेकिन बच्चों को मोबाइल टॉर्च की लाइट में पढ़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है. क्योंकि ग्रामीण इलाकों में घंटों लाइट गुल रहती है. साथ ही भीषण गर्मी का प्रकोप भी बच्चों को झेलना पड़ रहा है.

बच्चों के परिजनों का कहना है कि प्रशासन से कई बार आग्रह किया जा चुका है कि परीक्षा के दौरान इस तरह का संकट बच्चों के सामने ना खड़ा हो. लेकिन इस गंभीर समस्या पर अब तक किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है.  

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वहीं, मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद यह समस्या काफी बढ़ जाती है. क्योंकि लाइट ना होने के चलते समय पर मोबाइल चार्ज नहीं हो पाता है. इसका सीधा असर बच्चों की तैयारियों पर पड़ता है. इसलिए हम चाहते हैं कि जब तक बच्चों की बोर्ड परीक्षा चल रही हैं तब तक बिजली आपूर्ति नियमित की जाए. 

हाल ही में राजस्थान सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि जिसमें रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से बिजली गुल नहीं होनी चाहिए. लेकिन इस आदेश का जमकर विरोध हुआ था, जिसे वापस ले लिया गया था. ऐसे में लोगों का कहना है कि राज्य सरकार धार्मिक आयोजनों पर बिजली आपूर्ति के नियमित करने का निर्देश देती है. लेकिन  बच्चों की पढ़ाई के लिए बिजली आपूर्ति ठप कर दी जाती है. 

राजस्थान के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में ऐसा ही हाल है. अधिकारियों से कई बार इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है. लेकिन अब तक इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं निकल सका है. बता दें, झुलसा देने वाली गर्मी से लोगों का जीना मुहाल है. कई सालों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं. देश के कुछ हिस्‍सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. 

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