कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के आंदोलित किसानों के दिल्ली कूच करने के फैसले के बीच केंद्र सरकार ने कृषक संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है. केंद्र की तरफ से किसान संगठनों को कृषि कानूनों पर बातचीत करने के लिए 3 दिसंबर को दिल्ली में आमंत्रित किया गया है.
इससे पहले, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद प्रदर्शनकारी किसान संगठन रेल पटरियों को खाली करने पर सहमत हुए थे. पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने रेलवे ट्रैक खाली करने पर हामी भरते हुए कहा था कि ट्रैक को तमाम पैसेंजर और कार्गो ट्रेनों के लिए खाली कर दिया जाएगा.
हालांकि किसान संगठनों ने यह भी साफ कर दिया था कि अगर 15 दिनों में केंद्र सरकार के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ती और कोई सकारात्मक रिस्पांस नहीं मिला तो 15 दिन बाद किसान संगठन एक बार फिर से आंदोलन शुरू करेंगे.
पंजाब सरकार ने भी साफ किया था कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के अनुरोध पर फिलहाल किसान संगठन रेलवे ट्रैक से हटने को तैयार हैं. किसानों के पटरियों से हटने के बाद 24 नवंबर से पंजाब के लिए ट्रेन सेवाएं शुरू हो गईं हैं.
देखें: आजतक LIVE TV
बहरहाल, पंजाब के किसान अब दिल्ली कूच करने वाले हैं. वहीं हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए खास तैयारी की है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों के दिल्ली कूच के आंदोलन को देखते हुए दो दिन तक पंजाब बॉर्डर सील किए जाएंगे. पंजाब के किसानों ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली कूच करने का प्लान बनाया है. इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने पंजाब बॉर्डर को इस दिन सील करने का निर्णय लिया है.
मनजीत सहगल