पंजाब: दलित लड़की से छेड़खानी और मारपीट के मामले में AAP विधायक मनजिंदर सिंह को 4 साल की सजा, 12 साल बाद आया फैसला

पंजाब की खडूर साहब सीट से विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को दलित लड़की से छेड़खानी और मारपीट के 12 साल पुराने केस में चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. तरन तारन की एसीजेएम कोर्ट ने दो दिन पहले मनजिंदर को इस मामले में दोषी करार दिया था.

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दलित लड़की के साथ छेड़खानी और मारपीट के केस में फैसला (Photo: X/@manjind34336978) दलित लड़की के साथ छेड़खानी और मारपीट के केस में फैसला (Photo: X/@manjind34336978)

असीम बस्सी

  • तरन तारन,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 12 साल पुराने छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में जिला अदालत ने दोषी करार दिया था. तरन तारन जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार की कोर्ट ने खडूर साहब सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को चार साल की सजा सुनाई है.

12 साल पुराना यह केस एक दलित महिला के साथ छेड़छाड़ और मारपीट से संबंधित है. दरअसल, हरबिंदर कौर नाम की महिला ने मनजिंदर सिंह लालपुरा के साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों पर अपने और अपने परिजनों पर हमले, छेड़छाड़ करने के आरोप में केस दर्ज कराया था. यह घटना कथित रूप से 3 मार्च 2013 को तरन तारन के उस्मा गांव में एक शादी समारोह के दौरान हुई थी.

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हरबिंदर कौर दलित वर्ग से आती हैं. घटना के समय मनजिंदर सिंह लालपुरा टैक्सी ड्राइवर थे. मारपीट की इस घटना का वीडियो तब सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने घटना का संज्ञान लेकर पीड़िता, मामले में गवाह पीड़िता के चचेरे भाई और परिवार के अन्य सदस्यों को अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था.

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घटना के 12 साल बाद कोर्ट ने मनजिंदर सिंह लालपुरा के साथ ही पांच पुलिसकर्मियों- दविंदर कुमार, सारज सिंह, अश्वनी कुमार, तरसेम सिंह और हरजिंदर सिंह को भी दोषी ठहराया था. मनजिंदर बाद में आम आदमी पार्टी के जरिये सियासत में आ गए थे और पंजाब विधानसभा के पिछले चुनाव में खडूर साहब सीट से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हो गए थे.

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अब चार साल की सजा सुनाए जाने के बाद लालपुरा की विधायकी भी खतरे में आ गई है. किसी मामले में दो वर्ष या उससे अधिक की सजा सुनाए जाने की स्थिति में सांसद या विधायक दोषी ठहराए जाने की तारीख से सदस्यता के अयोग्य माने जाते हैं. मनजिंदर को चार साल की सजा सुनाई गई है. ऐसे में, अगर उनकी दोष सिद्धि पर किसी कोर्ट से स्टे नहीं मिला, तो विधायकी जाना तय है.

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