पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल की टिकट कटने से चंडीगढ़ में विरोध, महिला कांग्रेस प्रमुख समेत 100 का इस्तीफा

पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के समर्थक चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख हरमोहिंदर सिंह लकी के खिलाफ खड़े हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर 'खेल हो गया' कहकर बंसल पर निशाना साधा था. चंडीगढ़ महिला कांग्रेस प्रमुख दीपा दुबे समेत करीब 100 पार्टी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न आधारों पर लकी को हटाने की मांग करते हुए इस्तीफा दे दिया है.

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पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 16 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:45 PM IST

पूर्व रेल मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल को टिकट देने से इनकार करना चंडीगढ़ में पार्टी को महंगा पड़ सकता है, अगर पार्टी कैडर के भीतर असंतोष की लड़ाई को शांत नहीं किया गया. हालांकि, पवन बंसल ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

वहीं, पवन कुमार बंसल के समर्थक चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख हरमोहिंदर सिंह लकी के खिलाफ खड़े हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर 'खेल हो गया' कहकर बंसल पर निशाना साधा था. चंडीगढ़ महिला कांग्रेस प्रमुख दीपा दुबे समेत करीब 100 पार्टी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न आधारों पर लकी को हटाने की मांग करते हुए इस्तीफा दे दिया है.

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महिला कांग्रेस प्रमुख दीपा दुबे ने कहा, मैं पिछले आठ महीनों से कांग्रेस भवन नहीं गई. मुझे लगता है कि वहां का माहौल महिला विरोधी है. युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारे जाते हैं. लोगों को गाली देना और विरोधियों के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां करना आम बात है. हम मनीष तिवारी के खिलाफ नहीं हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया.ट

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पार्टी के हर कार्यकर्ता को नजरअंदाज किया. महिला स्वयंसेवकों का कोई सम्मान नहीं है. वहीं, हरमोहिंदर सिंह लकी ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि महिला कांग्रेस नेता  एक जगह देख रही थीं और दूसरे पर निशाना साध रही थीं. मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. इस महिला कांग्रेस नेता को झूठे मुद्दे उठाने के बजाय पार्टी के लिए काम करना चाहिए. 

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महिला कांग्रेस प्रमुख दीपा दुबे.

कांग्रेस प्रमुख एचएस लकी ने आगे कहा कि उनका सोशल मीडिया हैंडल कोई और चला रहा था. उनकी पोस्ट को गलत तरीके से उद्धृत किया गया है. कांग्रेस नेता भले ही इसे रिकॉर्ड पर स्वीकार न करें, लेकिन चंडीगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लिए टिकट आवंटन से पवन कुमार बंसल के समर्थकों में असंतोष है. 

बता दें कि बंसल 2019 में भाजपा के किरण खेर से 46 हजार 970 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. 2014 में यह अंतर 69642 वोटों का था. 2019 में जीत का अंतर 2014 में 15.4% के मुकाबले घटकर 10.3 प्रतिशत हो गया. दिलचस्प बात यह है कि इस बार चंडीगढ़ में मुकाबला दो कोणीय होगा, क्योंकि कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. 

कांग्रेस उम्मीदवार को AAP के वोट शेयर से फायदा होगा, जिसमें पिछले दो चुनावों के दौरान गिरावट देखी गई है. पार्टी का वोट शेयर जो 2014 में 23.97% था वह 2019 में घटकर 3.82% हो गया. चंडीगढ़ सीट पर दो बार दावा करने वाली भगवा पार्टी मौजूदा सांसद किरण खेर के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बावजूद अप्रत्याशित लाभ की उम्मीद कर रही है.

भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन कहते हैं, कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी का चंडीगढ़ के साथ एकमात्र रिश्ता यह है कि उनका जन्म यहीं हुआ था. उन्होंने अपना पिछला चुनाव अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ा था. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के भीतर की अंदरूनी कलह इसे तोड़कर रख देगी.

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रिपोर्ट- मंजीत सहगल.

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