जालंधर कैंट में मॉक ड्रिल की तैयारी के तहत किया गया ब्लैकआउट, लोगों को दी गई वॉर्निंग

कैंटोनमेंट बोर्ड जालंधर की ओर से इस ब्लैकआउट की योजना बनाई गई थी. एक सरकारी वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर पूरे बाजार में गश्त की गई और दुकानदारों व स्थानीय निवासियों को बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक वाहन से माइक पर लगातार लोगों को सूचित किया जा रहा है कि यह मॉक ड्रिल का हिस्सा है और सभी लोग सहयोग करें.

Advertisement
जालंधर कैंट में ब्लैकआउट किया गया जालंधर कैंट में ब्लैकआउट किया गया

aajtak.in

  • जालंधर,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST

पंजाब के जालंधर कैंट क्षेत्र में सोमवार शाम एक असामान्य हलचल देखने को मिली, जब पूरा इलाका अचानक अंधेरे में डूब गया. यह कोई तकनीकी खराबी नहीं बल्कि आगामी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की तैयारी का हिस्सा था. 7 मई को प्रस्तावित इस मॉक ड्रिल से पहले प्रशासन ने इलाके में "ब्लैकआउट" करवा कर तैयारियों की गंभीरता को परखा.

कैंटोनमेंट बोर्ड जालंधर की ओर से इस ब्लैकआउट की योजना बनाई गई थी. एक सरकारी वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर पूरे बाजार में गश्त की गई और दुकानदारों व स्थानीय निवासियों को बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक वाहन से माइक पर लगातार लोगों को सूचित किया जा रहा है कि यह मॉक ड्रिल का हिस्सा है और सभी लोग सहयोग करें.

Advertisement

वीडियो में इलाके के लोगों से कहा जा रहा है कि यह एक मॉक ड्रिल की तैयारी है, कृपया सभी लोग लाइटें बंद कर दें. यह अभ्यास 7 मई को होने वाली सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के लिए है.

इस ब्लैकआउट का उद्देश्य संभावित आपदा या आपातकालीन स्थिति में लोगों की तत्परता को परखना था. स्थानीय लोगों ने भी इस कवायद में प्रशासन का साथ दिया और अपने घरों व दुकानों की बिजली स्वेच्छा से बंद कर दी. सिविल डिफेंस विभाग का कहना है कि मॉक ड्रिल का मकसद किसी भी आपात स्थिति जैसे वॉर सिचुएशन, हवाई हमला या प्राकृतिक आपदा के दौरान नागरिकों की प्रतिक्रिया और तैयारी का मूल्यांकन करना है.

चंडीगढ़ प्रशासन ने जारी की विस्तृत एडवाइजरी

सिविल डिफेंस विभाग और चंडीगढ़ प्रशासन ने मॉक ड्रिल को लेकर एक विस्तृत एडवाइजरी भी जारी की है. इसके अनुसार, नागरिकों को पहले से मोबाइल और पावर बैंक चार्ज रखने, टॉर्च, रेडियो, पानी, सूखा खाना और दवाइयों जैसी जरूरी चीज़ें तैयार रखने को कहा गया है. साथ ही, परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षित स्थान जैसे कि घर के अंदरूनी हिस्से या बेसमेंट का अभ्यास कराया जाए, ताकि अलर्ट मिलते ही सभी एक से दो मिनट के भीतर वहां पहुंच सकें.

Advertisement

एडवाइजरी में बताया गया है कि शाम 7 से 8 बजे तक लिफ्ट का उपयोग न किया जाए और बिजली कटने की स्थिति में किसी को असुविधा न हो, इसके लिए लिफ्ट को पहले से निष्क्रिय कर दिया जाए. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है.

ड्रिल के दौरान सायरन बजने या घोषणाएं होने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है. सभी को निर्देश दिया गया है कि वे पुलिस, स्कूल अथॉरिटी या किसी भी सरकारी संस्था द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. ब्लैकआउट के समय सभी लाइटें, इनवर्टर, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत, गैस या बिजली उपकरण बंद कर दिए जाएं. खिड़कियों को मोटे पर्दों या कार्डबोर्ड से ढकने की सलाह दी गई है.

यदि ड्रिल के दौरान कोई व्यक्ति वाहन चला रहा हो, तो उसे गाड़ी साइड में रोककर लाइट बंद करनी होगी और वहीं रुकना होगा. किसी भी हालत में स्थान परिवर्तन न करने की अपील की गई है. लोगों से यह भी कहा गया है कि वे इस दौरान व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अपुष्ट जानकारी साझा न करें.

ड्रिल समाप्त होने के बाद सामान्य गतिविधियाँ फिर से शुरू की जा सकती हैं. प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे स्थानीय प्रशासन या अपनी RWA को फीडबैक दें और अपने आसपास के बच्चों व बुजुर्गों को आश्वस्त करें कि यह सिर्फ एक तैयारी थी.

Advertisement

गौरतलब है कि यह मॉक ड्रिल चिकित्सा संस्थानों जैसे अस्पतालों और नर्सिंग होम्स पर लागू नहीं होगी, लेकिन उन्हें भी निर्देश दिए गए हैं कि वे खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढककर सतर्कता बरतें. इस पूरे अभियान का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपातकालीन परिस्थिति के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करना है, ताकि ऐसी किसी भी स्थिति में घबराहट और अफरा-तफरी से बचा जा सके.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement