उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसको लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. लेकिन बसपा और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) में काफी दिलचस्प सियासी 'जंग' देखने को मिल रही है. बसपा ने एक ओर जहां लंबे समय बाद उपचुनाव में लड़ने का ऐलान किया है तो वहीं लोकसभा में सफलता के बाद चंद्रशेखर आजाद भी कमर कस चुके हैं. इसी बीच आजाद समाज पार्टी ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है.
तीन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान
चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से जाहिद हसन और मिर्जापुर की मझवां सीट से धीरज मौर्या को प्रत्याशी बनाया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह जल्द ही बाकी सात सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगी. यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने दी.
बसपा ने दो सीटों पर चला ये दांव
मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने मिल्कीपुर और मीरापुर से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. मिल्कीपुर से रामगोपाल कोरी को टिकट मिला है. वहीं मीरापुर से चंद्रशेखर आजाद के करीबी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि 2017 में भी मिल्कीपुर से बसपा की टिकट पर रामगोपाल कोरी विधानसभा चुनाव लड़े थे. तब वह तीसरे नंबर पर रहे थे. 2017 में बसपा बसपा प्रत्याशी के रूप में रामगोपाल कोरी को 54000 वोट मिले थे.
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बता दें कि बीएसपी ने मुजफ्फरनगर के मीरापुर सीट से शाह नजर को टिकट देकर बड़ा दांव चला था. दरअसल, शाह नजर बसपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से जुड़े रहे हैं. ऐसे में मीरपुर में मायावती ने चंद्रशेखर के करीबी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है.
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है. इन सीटों पर मतदान की तारीखों को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है. बता दें कि उपचुनाव के लिए खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं. मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी.
आशीष श्रीवास्तव