घने कोहरे के कारण पिछले कुछ दिनों में दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स में देरी और कैंसिल होने की घटनाओं के बीच कई यात्रियों ने एयरलाइंस पर अपना गुस्सा निकाला. इतना ही नहीं, फ्लाइट लेट होने के कारण गुस्साए यात्री ने घोषणा कर रहे पायलट को मुक्का तक जड़ दिया. सोशल मीडिया पर भी लोग एयरलाइंस के खिलाफ अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.
इस सबके बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली एयरपोर्ट में अव्यवस्थाओं और कोहरे के कारण लेटलतीफी को लेकर डीजीसीए और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. वहीं इसको लेकर केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पलटवार किया है.
शशि थरूर ने इसे "मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा" बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक के बाद एक कई पोस्ट लिखते हुए सरकार पर उपेक्षा और अक्षमता का आरोप लगाया.
थरूर ने पोस्ट में लिखा, "हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर अव्यवस्थाएं रहीं. युवा पेशेवर मकर संक्रांति के लिए घर जाना चाहते हैं. सेना अधिकारी लोहड़ी के लिए अपने पैतृक गांव जाने के लिए उत्साहित थे. चिंतित बेटा अपने अस्वस्थ माता-पिता की देखभाल के लिए घर जाने की कोशिश कर रहा है. नियमित, पूर्वानुमानित, कोहरे भरे सर्दियों के दिनों के कारण हजारों लोगों का जीवन और कार्यक्रम बाधित हो गया. यह मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा है, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय की उपेक्षा और अक्षमता का परिणाम है."
कैट रनवे के मेंटेनेंस को लेकर थरूर ने साधा निशाना
थरूर ने पिछले साल सितंबर में दिल्ली एयरपोर्ट के मुख्य कैट IIIB रनवे पर मेंटेनेंस शुरू करने के लिए भी केंद्र पर हमला किया. इसके चलते घने कोहरे के दौरान फ्लाइट संचालन में दिक्कते आ रही हैं. इसको लेकर दिल्ली एयरपोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र भी लिखा था. इसमें एयरपोर्ट के रनवे पर मेंटेनेंस का काम पूरा समय पर नहीं होने के लिए G20 और प्रदूषण के चलते लगाए गए GRAP IV को जिम्मेदार ठहराया.
वहीं सोशल मीडिया पर थरूर को जवाब देते हुए, सिंधिया ने कहा कि रनवे के मेंटेनेंस का काम एविएशन ऑपरेशन के लिए सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "रनवे की स्थिति के साथ कोई भी समझौता सीधे यात्री सुरक्षा को खतरे में डालता है."
सिंधिया ने बताया समय पर मेंटेनेंस पूरा नहीं होने का कारण
सिंधिया ने एक्स पर लिखा, "परिणामस्वरूप, मेंटेनेंस को कोहरे के मौसम की शुरुआत से पहले 15 दिसंबर तक पूरा करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया गया था. हालांकि, प्रदूषण के चलते दिल्ली में ग्रैप-IV के लागू होने के कारण, रीकार्पेटिंग में देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप इसके चालू होने में एक महीने की देरी हुई."
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधिया ने पुष्टि की है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे 28/10 शुक्रवार को अंतिम निरीक्षण के बाद इस हफ्ते चालू हो जाएगा.
थरूर ने कैट III रनवे, पायलट ट्रेनिंग को लेकर भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने अपने लंबे चौड़े पोस्ट में इंडिया टुडे की सोमवार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट का भी हवाला दिया कि कैसे द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य की एक क्रेन रनवे 29L/11R पर CAT IIIB के संचालन को एक तरफ से रोक रही थी.
सिंधिया ने कहा, "क्रेन का उपयोग एक अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना - द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए किया जा रहा है. हालांकि, रनवे पर इसके प्रभाव को देखते हुए, अब यह निर्णय लिया गया है कि क्रेन संचालन की अनुमति केवल तब दी जाएगी जब कोहरा नहीं होगा. इस प्रकार, RWY 11R/29L कल से CAT III के रूप में चालू है."
कैट IIIB पायलटों की ट्रेनिंग को लेकर भी थरूर का निशाना
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कैट IIIB पायलटों को पर्याप्त रूप से ट्रेनिंग देने में विफल रहने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर भी हमला किया. थरूर ने पोस्ट किया, "इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया कि कोहरे की स्थिति के दौरान दिल्ली के लिए उड़ान भरने की योजना बना रहे पायलट सीएटी III-बी की ट्रेनिंग लिए हुए थे. इसलिए, कई उड़ानों को जयपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों की ओर डायवर्ट कर दिया गया."
बता दें कि रविवार को दिल्ली जाने वाली कम से कम 10 फ्लाइट्स को जयपुर डायवर्ट किया गया. दिसंबर में तो और भी बुरा हाल था, जब महीने की 25 से 28 तारीख के बीच 58 फ्लाइट्स को पड़ोसी शहरों की ओर डायवर्ट कर दिया गया था.
सिंधिया ने थरूर के दावों को गलत और निराधार बताया
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने थरूर के दावे को गलत और निराधार बताया. उन्होंने कांग्रेस सांसद पर निशाना साधते हुए पोस्ट में लिखा, "2014 में केवल 2,416 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलटों की तुलना में, आज हमारे पास 6,191 CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलट हैं, जो पिछले 9 वर्षों में 2.5 गुना की वृद्धि है. इसके अलावा, 2023-24 के कोहरे के मौसम की तैयारी में, हमारे प्रयासों के कारण, पिछले तीन महीनों में CAT II/CAT III प्रशिक्षित पायलटों की संख्या 16% बढ़कर 5,332 से 6,191 हो गई है."
मंत्री ने स्पष्ट किया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय एयरलाइनों को सर्दियों के दौरान केवल योग्य चालक दल के साथ CAT IIIB अनुरूप विमान तैनात करने का आदेश देता है और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाता है, जैसे कि स्पाइसजेट और एयर इंडिया के मामले में, जिन्हें कारण बताओ नोटिस दिए गए थे.
CAT IIIC नहीं होने पर थरूर ने साथा निशाना
थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर CAT IIIC उपकरण लैंडिंग सिस्टम नहीं होने के लिए भी सरकार का मजाक उड़ाया, जिसका उपयोग शून्य दृश्यता की स्थिति में भी सटीक लैंडिंग के लिए किया जा सकता है. उन्होंने पोस्ट किया, "2008 में, यूपीए सरकार एक कैट III-बी रनवे सुनिश्चित कर सकती थी. तब से 16 साल बीत चुके हैं, वर्तमान सरकार के तहत 10 साल हो गए हैं. फिर भी, उन्होंने अभी तक एक भी कैट III-सी रनवे की योजना नहीं बनाई है."
उन्होंने आगे कहा, "दुनिया भर में, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में कई CAT III-C रनवे हैं, लेकिन भारत में एक भी नहीं है, बावजूद इसके कि राजधानी सर्दियों में कोहरे और धुंध की समस्या से जूझती है."
सिंधिया ने इस पर भी तुरंत हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि कैट III संचालन रनवे क्षमता, विमान क्षमता और पायलट प्रशिक्षण पर निर्भर है. सिंधिया ने कहा, "दिल्ली एयरपोर्ट पर दो कैट III रनवे 50 मीटर तक की न्यूनतम दृश्यता के साथ विमान के उतरने के लिए सुसज्जित हैं. हालांकि, भारत में अधिकांश विमान बेड़े जैसे एयरबस 320 (75 मीटर) और बोइंग 737 मैक्स (175 मीटर) दृश्यता न्यूनतम रनवे सीमा से अधिक है. इस प्रकार, भले ही रनवे सक्षम है और पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित सीएटी III पायलट उपलब्ध कराए गए हैं, ये विमान शून्य दृश्यता संचालन के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं."
पॉलोमी साहा