देश में इस समय हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. आजादी के इस महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से अपील की है कि वे अपनी सोशल मीडिया डीपी की तस्वीर तिरंगे से बदल लें. उनके एक आवाहन के बाद कई लोगों ने ऐसा किया भी, लेकिन RSS और उनके नेताओं ने अपनी डीपी नहीं बदली. इस वजह से विपक्ष ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया और कांग्रेस ने तो सीधे-सीधे RSS के राष्ट्रवाद पर सवाल उठा दिए. अब उस विवाद के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी डीपी बदल ली है. उन्होंने अपनी डीपी में देश का तिरंगा लगा लिया है. इसके साथ-साथ RSS ने भी अपने ट्विटर पेज पर डीपी में तिरंगा लगा लिया है.
RSS ने बदली डीपी, राहुल गांधी ने बनाया था मुद्दा
अब कहने को सिर्फ एक डीपी बदली गई है, लेकिन इसके बड़े राजनीतिक मायने माने जा रहे हैं. जब पीएम मोदी की अपील के बाद भी RSS द्वारा डीपी नहीं बदली गई थी, आरोप लगने लगे कि संघ पीएम मोदी की बात नहीं मानता है. यहां तक कहा जाने लगा कि RSS ने कभी भी देश के तिरंगे को पसंद नहीं किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि इतिहास गवाह है, 'हर घर तिरंगा' मुहीम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया. आज़ादी की लड़ाई से, ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे. इसके अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा था कि संघ वालों, अब तो तिरंगा को अपना लो. वहीं सांसद जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा था कि पीएम मोदी का डीपी बदलने वाला संदेश नागपुर के उनके परिवार तक नहीं पहुंचा जिन्होंने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया.
बीजेपी-सरकार के लिए क्या संदेश?
लेकिन लगातार होती इस आलोचना के बीच शुक्रवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ये बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने अपनी डीपी में तो तिरंगा लगाया ही है, इसके अलावा संघ के ऑफिशियल पेज पर भी तिरंगा लगा दिया गया है. संदेश स्पष्ट है कि संघ भी भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर मुहिम के साथ खड़ा है. वैसे मोहन भागवत के अलावा संघ के जनरल सेकेट्री दत्तात्रेय होसबोले ने भी अपनी डीपी में तिरंगा लगा लिया है. उनके अलावा मनमोहन वैद्य और अरुण कुमार भी पहले ही अपनी डीपी बदल चुके हैं.
अब विपक्ष संघ के इस कदम को किस तरह देखता है, इस पर सभी की नजर रहने वाली है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया भी मायने रहने वाली है क्योंकि इस मुद्दे को सबसे ज्यादा उन्होंने ही उठाया है. फिर चाहे वो ट्वीट कर हमला करना रहा हो या फिर मीडिया से बातचीत के दौरान संघ के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाना हो. लेकिन अब जब संघ की डीपी में भी तिरंगा आ गया है, इस पर राहुल क्या कहते हैं, इसका इंतजार सभी को रहने वाला है.
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